खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। हरफनमौला साहित्यिक संस्था की ओर से नवरात्रि के उपलक्ष्य में चांदनी चौक बल्यूटिया प्राचीन शिव मंदिर परिसर में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन के दौरान संस्था द्वारा समाजसेवी आशा शुक्ला को समाजसेवा में उनके योगदान हेतु सम्मानित किया गया। संस्था के अध्यक्ष गौरव त्रिपाठी ने बताया कि आशा शुक्ला समाजसेवा के कार्यों के साथ ही समय-समय पर गरीब एवं असहायों की मदद करती रही हैं।
इस दौरान दूर-दूर से आए कवियों ने अलग-अलग विधा में कविता सुनाकर विभिन्न रंग बिखेरे। कार्यक्रम का शुभारंभ मंदिर कमेटी के सदस्य हुकुम सिंह अधिकारी, पुजारी डॉ. नवीन चंद्र उपाध्याय, तेज सिंह दरम्वाल, समाजसेवी आशा शुक्ला, वेदाश्री लर्निंग एकेडमी के डायरेक्टर दीपक पंत ने मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित करके किया। सितारगंज से आए युवा कवि रितेश जिंदल ने काब्य पाठ करते हुए कहा कि “मन से द्वेष हटाइये, मन विचलित न होय, जो विचलित है हार से, जीत कहां से होय”, हल्द्वानी के कवि रमेशचंद्र द्विवेदी ने कहा “याद तेरी बहुत आज आती है मां, पास तुम जो नहीं, दुख सताती है मां”, लालकुआं से आए मोहन चंद्र जोशी मोहंदा ने कहा “बड़े अजीबोगरीब हैं हमारे तौर तरीके, उम्र के दयार तक भी न सीखे सलीके”, हास्य कवि वेद प्रकाश अंकुर ने कहा “देश की दुर्दशा पर वो हमेशा दुखी रहते हैं, फिर भी हमेशा घोटालों में बिजी रहते हैं”, युवा कवयित्री तनुजा नयाल ने कहा “मुझे अभी समझदारी के दल-दल में नहीं, मुझे अभी बचपने में जीने दो” कमल सिंह ने कहा “तुम मंत्री हो या संत्री ये तुम्हारा परिचय है, हम अपना परिचय अपने पहाड़ो से देंगे”, सावित्री नेगी ने कहा “आंखों में आंसू लिए आज तेरे दरबार मैं आई मां, जीवन है कांटों से भरा हम कैसे मुस्कुराएं मां” इसके अलावा सुयालबाड़ी से आए वरिष्ठ शायर राज सिंह, ललित भट्ट, अंशुमान ने भी बहुत सुंदर कविता पाठ किया। इस मौके पर चंपा त्रिपाठी, मंजू शाह, अरूण गुप्ता आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन हास्य कवि गौरव त्रिपाठी ने किया।