खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। मेयर गजराज बिष्ट की तीखी प्रतिक्रिया के बाद जिला विकास प्राधिकरण की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। मेयर ने तीखी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि “प्राधिकरण की भूमिकाएं और फैसले इतने विरोधाभासी कैसे हो सकते हैं कि चार दिन पहले तक वैध बताया गया निर्माण अचानक खबर छपते ही अवैध घोषित हो गया?”
ज्ञात हो कि स्थानीय पत्रकार दीपक अधिकारी पर बिल्डरों द्वारा जानलेवा हमला प्रकरण में प्राधिकरण पहले यह दावा कर रहा था कि संबंधित निर्माण का नक्शा विधिवत पास है। लेकिन जैसे ही मामला सुर्खियों में आया, प्राधिकरण का रुख पूरी तरह बदल गया और अब वही निर्माण ‘अवैध’ बताकर प्रशासनिक कार्रवाई की गई हैं।
मेयर ने इस विरोधाभास को गंभीर चिंतन का विषय बताते हुए कहा कि यह स्पष्ट करता है कि प्राधिकरण के निर्णय किसी ठोस नियम के आधार पर नहीं, बल्कि ‘प्रभावों और दबावों’ के आधार पर लिए जा रहे हैं। सवाल करते हुए पूछ लिया कि “अगर निर्माण नक्शा चार दिन पहले तक पास था तो खबर उजागर होते ही उसमें अवैधता कैसे पैदा हो गई? क्या अवैधता खबर से पैदा होती है या प्राधिकरण की ढीली कार्यप्रणाली से?” साथ ही पत्रकार दीपक पर हमले को मेयर ने लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा प्रहार बताया और कहा कि जिम्मेदार संस्थाओं को निष्पक्षता के साथ काम करना होगा, वरना इसका गलत संदेश समाज में जाएगा। शहर के लोगों में भी इस पूरे घटनाक्रम को लेकर नाराजगी है। आम जनता का कहना है कि यदि प्राधिकरण के दस्तावेज और निर्णयों पर भरोसा नहीं किया जा सके, तो निर्माण कार्यों की पारदर्शिता कैसे बनी रहेगी? (साभार)




