खबर सच है – संवाददाता
आपदा के वक्त जहां राजनीतिक स्वार्थ, जाति-धर्म-वर्ग-वर्ण जैसे संकीर्ण दायरों से ऊपर उठ कर लोग एक-दूसरे का सहयोग की अपेक्षा कर रहे है, वहीं राजनीतिक दल इसे सियासी अवसर के रूप इस्तेमाल से नहीं चूकते। राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आम जनता के लिए चार धाम यात्रा पर रोक लगाई गई है, बावजूद उत्तराखंड के प्रतिनिधि एवं मंत्री ही अपने समर्थकों के साथ लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर इन धार्मिक स्थलों पर पहुंच रहे है। वो भी ऐसे वक्त में जब कुछ समय पहले ही उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कोविड-19 की दूसरी लहर से ‘निपटने के लिए तैयारी न होने’ तथा संक्रमण में भारी वृद्धि के बावजूद ‘धार्मिक मेलों के आयोजन जारी रखने’ को लेकर राज्य सरकार की जमकर खिंचाई करते हुए उससे ”नींद से जागने” को कहा था।
बताते चले कि उत्तराखंड सरकार में मंत्री धन सिंह रावत और उनके समर्थक बीजेपी के कुछ अन्य नेता कल सुबह बंद्रीनाथ धाम पहुंचे थे। जिस पर पुरोहितों ने बीजेपी नेताओं के बंद्रीनाथ धाम पहुंचने पर लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन मानते हुए सवाल उठाते हुए कहा कि वह बद्रीनाथ धाम कैसे आ सकते हैं जब राज्य सरकार ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आम जनता के लिए चार धाम यात्रा पर रोक लगा दी है।
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