खबर सच है संवाददाता
पंजाब कांग्रेस में जारी बवाल कब थमेगा यह तो नहीं पता लेकिन इस बीच अपनो का द्वंद बेहद चर्चा में है। जिसका ज्वलन्त उदाहरण आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी द्वारा राज्य के पूर्व प्रभारी हरीश रावत के बयानों के जबाब पर मिला। मनीष तिवारी ने रावत पर बरसते हुए कहा कि पार्टी के इतिहास में ऐसी कभी गटरछाप भाषा नहीं सुनी।
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कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने रविवार को कई ट्वीट कर पंजाब के पूर्व कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत पर निशाना साधा। मनीष तिवारी ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस में छपे हरीश रावत के इंटरव्यू को ट्वीट करते हुए लिखा कि आदरणीय हरीश रावत जी, चूंकि आपने इस साक्षात्कार में मेरा जिक्र किया है। इसलिए मैं यह कहना चाहता हूं कि मेरे मन में भी आपके लिए उस समय से सम्मान है जब आप कांग्रेस सेवा दल का नेतृत्व करते थे और मैं छात्र संगठन एनएसयूआई का नेतृत्व करता था। हालांकि कांग्रेस में मेरे 40 साल में इतनी अराजकता कभी नहीं देखी जो आज पंजाब कांग्रेस में हो रही है।
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आगे दूसरे ट्वीट में मनीष तिवारी ने लिखा कि आज प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की खुलकर अवहेलना की जा रही है और कांग्रेस के नेता आपस में बच्चों की तरह सार्वजनिक रूप से झगड़ने लगते हैं। एक दूसरे के खिलाफ ऐसी गटरछाप भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है जो कोई नहीं करता होगा। पिछले 5 महीनों से पंजाब कांग्रेस के एक गुट दूसरे गुट से लड़ रहे हैं। क्या यह नहीं लगता है कि पंजाब के लोग इस डेली सोप ओपेरा को नापसंद करने लगे होंगे।
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इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि विडंबना यह है कि जिन लोगों ने सबसे अधिक नियमों के उल्लंघन और नुकसान की शिकायत की, दुर्भाग्य से वही इसके सबसे बड़े अपराधी बने हुए हैं। इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि अफवाहों और वास्तविक शिकायतों की सुनवाई के लिए कमेटी बनाई गई हो। यह एक गंभीर गलती थी। बरगाड़ी, ड्रग्स, पावर पीपीए, अवैध रेत खनन सहित जिन मुद्दों ने विधायकों और दूसरे कांग्रेस नेताओं को उद्वेलित किया, उसकी क्या स्थिति है। क्या कोई आंदोलन आगे बढ़ा है।
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