खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। श्री महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय देवलचौड हल्द्वानी में संस्था के संस्थापक महादेव गिरि महाराज जी की पुण्यतिथि पर डा चन्द्र बल्लभ बेलवाल के निर्देशन में सभी आचार्यों एवं विद्वानों द्वारा रुद्राभिषेक पाठ के साथ ही विद्वत गोष्ठी भी आयोजित की गई। जिसमें महामण्डलेश्वर स्वामी परेश यति महाराज जी द्वारा विद्वानों का सम्मान भी किया गया।
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इस दौरान वयोवृद्ध विद्वान पं रमेश चन्द्र काण्डपाल ने कहा कि श्री महादेव गिरि महाराज जी परमवीतराग तपस्वी संत होने के साथ-साथ एक महान शिक्षाविद वा समाज सेवी भी थे। उन्होंने दक्षिणी कैलाश पीठ में तपस्या के बाद वही पर संस्कृत विद्यालय प्रारम्भ किया। बाद में हल्द्वानी में कालभैरव संन्यास आश्रम की स्थापना कर नबावी रोड हल्द्वानी में श्री महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय बनाया। महाविद्यालय के प्राचार्य डा नवीन चन्द्र जोशी ने कहा कि सरलता पूर्वक हमारे वेद पुराण उपनिषद आदि का ज्ञान प्राप्त हो सके इस उद्देश्य से संस्कृत विद्यालय का संचालन संस्था आज भी कर रहीं है। संस्कृत भाषा देवों की भाषा है और समस्त ज्ञान इसी भाषा में संनिहित है। आध्यात्मिक ज्ञान के साथ-साथ यह रोजगार युक्त भी है। आज अधिकांश लोग ज्योतिष के प्रति रुचि लेते हुए इसे रोजगार का कारक बना रहे है।
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कार्यक्रम के दौरान महामण्डलेश्वर स्वामी परेश यति महाराज ने डॉ रमेशचंद्र काण्डपाल एवं डा नवीन चन्द्र बेलवाल को सम्मानित किया। गौष्ठी में डा कृष्ण चन्द्र जोशी, आचार्य दिनेश चन्द्र तिवारी, महेश चन्द्र जोशी, स्वामी नरसिंह यति, आचार्य राकेश पंत, मनीष जोशी, नीरज पंत, गौरव सनवाल, राकेश पाण्डेय, मुकेश पाण्डेय, राजू तिवारी, गोपाल पाण्डेय, शुभम सुयाल आदि उपस्थित रहे।
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