खबर सच है संवाददाता
रामनगर। 1936 का ‘हेली नेशनल पार्क’ जो 1955 में ‘रामगंगा नेशनल पार्क’ बना और 1957 में ‘जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क’ नाम प्रचलित हुआ। वर्ष 2006 में 150 बाघों वाले कॉर्बेट पार्क में महज 14 सालो में ही बाघों की संख्या 250 से अधिक होने से उत्साहित पार्क प्रशासन वर्ष 2022 में बाघों की गिनती करने की तैयारियों में है। कॉर्बेट नेशनल पार्क के अधिकारियों को उम्मीद है कि वर्ष 2022 तक पार्क में बाघों की संख्या 300 से भी अधिक हो सकेगी।
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कार्बेट पार्क के एक अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1288 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का यह देश का पहला टाइगर रिजर्व होने के साथ ही बाघों की संख्या में भी पहले स्थान पर है। कॉर्बेट में 2006 से बाघों की गणना का काम शुरू किया गया था। तब पार्क में 150 बाघ थे। वर्ष 2010 में 184, 2014 में 215 और 2019 की गणना में कॉर्बेट में 250 से अधिक बाघ मिले। बाघों के अतिरिक्त पक्षियों की 500 से अधिक प्रजातियां, 110 प्रकार के पेड़-पौधे, करीब 200 किस्म की तितलियां, नदियां, पहाड़, शिवालिक शृंखलाए भी कार्बेट पार्क में देखने को मिलती है।
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