गढीनेगी। प्रेमावतार,युगदृष्टा श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर एंव विश्व विख्यात संत स्वामी श्री हरि चैतन्य महाप्रभु जी के महाराष्ट्र ,मध्य प्रदेश,राजस्थान व उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों में विराट धर्म सम्मेलनों की अध्यक्षता व लाखों भक्तों का मार्गदर्शन करने के बाद आज यहाँ श्री हरि कृपा धाम आश्रम गढीनेगी में पधारने पर बड़ी संख्या में क्षेत्रीय, स्थानीय व दूरदराज से आए भक्तजनों ने फूल मालाएं पहनाकर, पुष्प वृष्टि करते हुए आरती उतारकर “श्री गुरु महाराज” “कामां के कन्हैया”व “लाठी वाले भैय्या” की जय जयकार के साथ पूर्ण धार्मिक रीति से भव्य व अभूतपूर्व स्वागत किया।
इस अवसर पर श्री महाराज जी ने उपस्थित विशाल भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी अपने महापुरुषों, तीर्थों, शास्त्रों व परमात्मा के विभिन्न अवतारों से प्राप्त होने वाले शिक्षाओं, प्रेरणाओं उपदेशों को मात्र अपनी कमियों को छुपाने के लिए ढाल ही न बनाये बल्कि अपने जीवन में उतारकर कल्याणमय मार्ग पर आगे बढ़ें और मानव जीवन की सार्थकता मात्र पशु तुल्य अपने तक ही सीमित रहने में नहीं अपितु किसी के काम आने में है। ईश्वर कृपा से प्राप्त धन, बल, पद, सामर्थ्य प्राप्त आदि का भोग या उपयोग ही नहीं बल्कि सदुपयोग करना चाहिए। पाँच कर्म इन्द्रियां व पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ इन दसों इंद्रियों को चाहे सांसारिक कर्तव्यों के पालन में लगाएं लेकिन एक मन को जो कि परमात्मा की ही अमानत है उसे उसके सिमरन भजन में लगाना चाहिए। संग का भी जीवन में सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। संग अच्छा करना चाहिए, भोजन भी सात्विक, संयमित, संतुलित ही ग्रहण करना चाहिए। महाराज श्री ने कहा कि माता-पिता, बड़े बुजुर्गों , संतो, महापुरुषों, तीर्थ, धर्म स्थलों व देश की संस्कृति का सम्मान करें। धर्म का साथ दें, अधर्म के विनाश में सहयोग दें व शांति को जीवन में प्रमुखता से स्थान दें। किसी भी क्षेत्र में आप आगे बढ़ो तो कठिनाइयां,बाधाएं, परीक्षाएं, आना स्वाभाविक है प्रभु स्मरण करते हुए प्रभु नाम लेते हुए चलें तो, वो आपके सामने टिक नहीं पाएंगी, जैसे हनुमान जी सीता रूपी भक्ति को प्राप्त करने के लिए चले तो मार्ग में आने वाली बाधाओं को सहज में ही पार कर लिया। जो व्यक्ति विपत्तियों, बाधाओं व परेशानियों से लड़ने की क्षमता रखता हो वही जीवन के विकास का सच्चा आनंद प्राप्त कर सकता है।
यहां पहुंचने पर श्री महाराज जी ने विश्व शांति एंव भारत की समृद्धि एंव ख़ुशहाली की कामना हेतु श्री हरेश्वर महादेव का महाभिषेक किया। नवरात्रि महोत्सव एंव विराट धर्म सम्मेलन का आयोजन श्री हरि कृपा आश्रम चित्रकूट रामनगर में श्री महाराज जी के पावन सानिध्य में 3 से 12 अक्टूबर तक होगा जिसमें सभी धर्म प्रेमी जनता को आमंत्रित किया गया है।
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