खबर सच है संवाददाता
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने शनिवार को मोरी में तैनात व्यायाम शिक्षक और भाजपा से जुड़े जिला पंचायत सदस्य को पकड़ा है। उस पर अभ्यर्थियों को हल किया हुआ पेपर मुहैया कराने का आरोप है। जिला पंचायत सदस्य को पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। इस मामले में अब 18 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
हाकम सिंह नकल कराने का पुराना खिलाड़ी बताया जा रहा है। उसने बड़े ही शातिराना ढंग से उत्तराखंड नहीं बल्कि सीमा क्षेत्र के बिजनौर जिले के ग्रामीण इलाके में एक किराये के मकान को नकल का सेंटर बनाया था। बताया जा रहा है कि अभ्यर्थियों को वहां ले जाकर हल किया हुआ पेपर मुहैया कराया गया था। हाकम सिंह ने यह मकान परीक्षा के पांच दिन पहले किराये पर लिया था। परीक्षा दो दिनों तक हुई थी। यहीं पर अभ्यर्थी आते थे और नकल का पर्चा देखकर परीक्षा देने चले जाते थे। ऐसा दो दिनों तक चला। परीक्षा समाप्त हुई तो हाकम सिंह ने इस मकान को एक दिन बाद ही छोड़ दिया। बताया जा रहा है कि यहां पर 20 से ज्यादा लोगों को नकल कराई गई थी। पेपर लीक मामले में हिरासत में लिए गए जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह के खिलाफ पहले भी मंगलौर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। यह मुकदमा भी आयोग की ही एक परीक्षा में नकल से संबंधित था। यह परीक्षा कनिष्ठ सहायक की थी। आरोप था कि उसने कई परीक्षार्थियों को नकल कराई है, लेकिन वह बेहद चालाकी से इस मामले में बच निकला।
सूत्रों के मुताबिक, उसने बिजनौर के नगीना में एक देहाती इलाके में स्थित मकान को नकल के सेंटर के रूप में चुना ताकि यदि पुलिस तक बात पहुंचे तो उसकी लोकेशन परीक्षा वाले सेंटरों से अलग आए। इस परीक्षा का बिजनौर से कोई लेना देना नहीं था। ऐसे में यदि लोकेशन भी मिलती तो बिजनौर की और वह भी ग्रामीण इलाके की। यह इलाका कुमाऊं और गढ़वाल के बीच में आता है। ऐसे में उसे यह दिखाने में भी आसानी होती कि वह सफर में था, लेकिन इस बार पाला एसटीएफ से पड़ा था तो हाकम सिंह की यह चाल फेल हो गई।