खबर सच है संवाददाता
रुद्रपुर। बीमा पालिसी का पैसा आरबीआई में फंसने और टीडीएस की धनराशि जमा करने पर पैसा वापस कराने के बहाने साइबर ठग ने भीमताल निवासी युवक से 35 लाख रुपए की ठगी के आरोपी को एसटीएफ ने हरियाणा से किया गिरफ्तार। साइबर अपराधियों द्वारा अलग अलग बहाने से मुनाफे की बात कहकर पीड़ित से लगभग 35 लाख रूपये की धनराशि धोखाधडी से विभिन्न बैंक खातों में जमा करवा दी गयी थी।
एसटीएफ से प्राप्त जानकारी के अनुसार भीमताल निवासी युवक द्वारा माह अक्टूबर 2023 में मुकद्दमा दर्ज कराया, जिसमें उन्होनें बताया कि उनके भाई द्वारा फोन कर बताया कि उनका बीमा पालिसी का पैसा आरबीआई में फंस गया है, तथा टीडीएस की धनराशि जमा करने पर पैसा वापस हो जायेगा। फिर बाद में साइबर अपराधियों द्वारा अलग अलग बहाने से मुनाफे की बात कहकर पीड़ित से लगभग 35 लाख रूपये की धनराशि धोखाधडी से विभिन्न बैंक खातों में जमा करवा दी गयी। प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत उच्चाधिकारियों द्वारा अभियोग को विवेचना एसटीएफ उत्तराखण्ड को स्थानान्तरित की गयी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ द्वारा विवेचना साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन कुमाऊँ परिक्षेत्र स्थानान्तरित करते हुये पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ/साईबर क्राईम कुमांऊ रेन्ज सुमित पाण्डे के पर्यवेक्षण में विवेचना प्रभारी निरीक्षक साईबर क्राईम ललित मोहन जोशी को सुपुर्द करते हुये अभियोग के अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। साइबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातो/मोबाइल नम्बर/जीमेल तथा वाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंको, सर्विस प्रदाता कम्पनी, मेटा तथा गूगल कम्पनियों से प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधियो द्वारा घटना में पीड़ित से प्री-एक्टिवेटेड दूसरे व्यक्तियों के नाम से आवंटित मोबाइल सिम कार्ड का प्रयोग किया गया है तथा मध्य प्रदेश के मोरेना तथा इटवा, उत्तर प्रदेश के विभिन्न बैंक खातो में धोखाधड़ी से धनराशि प्राप्त की गयी है। इन खातों से धनराशि नोएडा, दिल्ली तथा हरियाणा के विभिन्न एटीएम मशीनों से आहरित की गयी है। विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा बैंक खातो तथा मोबाइल नम्बरों का सत्यापन कार्यवाही के फर्जी आई पर संचांलित होने पाये गये। पुलिस टीम द्वारा तकनीकी/डिजिटल साक्ष्य/एटीएम फुटेज एकत्र कर घटना के मास्टर मांइड व मुख्य आरोपी रवि कांत शर्मा पुत्र राजबीर निवासी वार्ड नं 01, पदमा विद्यालय के पास, ग्राम मुड़ियाखेड़ा, थाना मोरेना जिला मोरेना, मध्य प्रदेश को चिन्ह्ति करते हुये अभियुक्त की तलाश जारी की तथा अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु कई स्थानों पर दबिशें दी, किन्तु आरोपी काफी शातिर किस्म का है जो पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य से समय-समय पर अपनी लोकेशन बदलता रहता था। इसी बीच साईबर पुलिस टीम के पास कुछ नई तकनीकी बिन्दुओं पर प्राप्त जानकारी हाथ लगी। जिस पर टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये साक्ष्य एकत्रित कार्यवाही करते हुये अभियोग में वांछित अभियुक्त रविकांत शर्मा उपरोक्त को जिला फरीदाबाद हरियाणा से गिरफ्तार किया गया।
अभियुक्त से घटना में प्रयुक्त बैंक खाते की चैकबुक, डेविट कार्ड, आधार कार्ड व पैन कार्ड व 03 मोबाइल फोन व कई सिम कार्ड भी बरामद हुए है। अभियुक्त द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक का फर्जी कर्मचारी बनकर रिलायंस पॉलिसी की धनराशि आरबीआई में फंसने व टीडीएस के रुपये जमा करने के उपरान्त पॉलिसी का रुपया मिलने का झांसा दिया जाता था। इसके उपरान्त पीड़ितो को पालिसी में और अधिक धनराशि निवेश करने पर अधिक धनराशि का मुनाफा मिलने का लालच देकर लाखों रुपये की धोखाधडी की जा रही थी। अपराधी द्वारा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातों में प्राप्त कर उक्त धनराशि को एटीएम के माध्यम से निकासी प्रयोग करते है। अभियुक्त द्वारा उक्त कार्य हेतु फर्जी सिम व फर्जी खातों का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है। गिरफ्तार अभियुक्त काफी शातिर किस्म का अपराधी है। पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि मैं इस काम को वर्ष 2014-15 से लगातार कर रहा हूँ तथा इस दौरान मैने कई लोगों के साथ साईबर ठगी की है तथा आज तक मै कभी भी पुलिस द्वारा पकड़ा नही आया। साईबर ठग द्वारा देश में अन्य लोगों के साथ भी साईबर ठगी को अंजाम दिये जाने की आशंका है जिसकी जानकारी अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर की जा रही है। अभियुक्त की गिरफ्तारी में अपर उपनिरीक्षक सत्येन्द्र गंगोला व आरक्षी मुहम्मद उसमान द्वारा सराहनीय कार्य किया गया।