Swami hari chaitanya mahaprabhu
मात्र रावण आदि के पुतले दहन ही नहीं अंतर की अस्मिता को भी त्यागने का संकल्प लें – श्री हरि चैतन्य महाप्रभु
- " खबर सच है"
- 5 Oct, 2022
खबर सच है संवाददाता श्री हरि नाम की धूम मची रामनगर क्षेत्र में, चित्रकूट बना महान तीर्थ रामनगर। प्रेमावतार, युगदृष्टा, श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर एवं भारत के महान सुप्रसिद्ध युवा संत श्री श्री 1008 स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने बुधवार (आज) श्री हरि कृपा आश्रम में उपस्थित विशाल भक्त समुदाय को […]
Read Moreशरीर की स्थिति नाड़ी से व समाज की स्थिति नारी से पता चलती है – श्री हरि चैतन्य महाप्रभु
- " खबर सच है"
- 4 Oct, 2022
महाराज श्री की वचनावली में “लाठी वाले भैया की” जय जय कार से गूंज उठा पूरा पंडाल रामनगर। प्रेमावतार, युगदृष्टा, श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर एवं भारत के महान सुप्रसिद्ध युवा संत श्री श्री 1008 स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने यहां श्री हरि कृपा आश्रम में उपस्थित विशाल भक्त समुदाय को संबोधित […]
Read Moreकन्या भ्रूण हत्या मानवता के लिए क़लंक – श्री हरि चैतन्य महाप्रभु
- " खबर सच है"
- 3 Oct, 2022
खबर सच है संवाददाता रामनगर। प्रेमावतार, युगदृष्टा, श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर एवं भारत के महान सुप्रसिद्ध युवा संत श्री श्री 1008 स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने सोमवार (आज) श्री हरि कृपा आश्रम में विशाल भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि जिस राष्ट्र में वर्ष में दो बार नवरात्रि के अवसर […]
Read Moreसच्चा सुख धर्म व परमात्मा की शरण में ही प्राप्त होगा – श्री हरि चैतन्य महाप्रभु
- " खबर सच है"
- 1 Oct, 2022
खबर सच है संवाददाता 10 दिवसीय विराट धर्म सम्मेलन में भक्तों का अपार जनसैलाब उमड़ा। कामां के कन्हैया व लाठी वाले भैया की जय जय कार से सारा वातावरण गुंजायमान हो उठा। रामनगर। प्रेमावतार,युगदृष्टा, श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर एवं भारत के महान सुप्रसिद्ध युवा संत श्री श्री 1008 स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज […]
Read Moreसत्संग रूपी वर्षा में मन की कलुषता व विकारों को धोना है- स्वामी श्री हरि चैतन्य महाप्रभु
- " खबर सच है"
- 14 Aug, 2022
खबर सच है संवाददाता हल्द्वानी। संत रूपी बादलों द्वारा जो सत्संग रुपी वर्षा होती है उसमें अपने मन की कलुषता व विकारों को धोकर मन को पावन बनाना है। जैसे बादलों को देखकर मोर व पपीहा मगन हो नृत्य करने लगते हैं, तथा पीहू पीहू की धुनि लगाने लगते हैं। ऐसे ही संत व […]
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