खबर सच है संवाददाता
रुद्रप्रयाग। विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ के कपाट भैया दूज यानी आज शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। आगामी छह माह की पूजा अर्चना एवं भोले बाबा के दर्शन ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होंगे। आज ही यमुनोत्री धाम के कपाट भी दोपहर 12: 09 बजे बंद कर दिए जाएंगे। एक दिन पहले गंगोत्री धाम के कपाट भी बंद कर दिए गए थे। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे।
विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ के कपाट भैया दूज यानी आज शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। आगामी छह माह की पूजा अर्चना एवं भोले बाबा के दर्शन ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होंगे। आज ही यमुनोत्री धाम के कपाट भी दोपहर 12: 09 बजे बंद कर दिए जाएंगे। एक दिन पहले गंगोत्री धाम के कपाट भी बंद कर दिए गए थे। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे। गुरुवार को सुबह चार बजे से केदारनाथ धाम में भगवान का अभिषेक किया गया। जिसके बाद उन्हें समाधि दी गई। भगवान केदार की डोली मंदिर के बाहर आई और भक्तों ने भव्य दर्शन दिए। इसके बाद पौराणिक विधिविधान के साथ मंदिर के मुख्य कपाट के साथ ही पीछ के कपाट को बंद कर सील कर दिए गए। धाम से बाबा की चल विग्रह डोली अपने शीतकालीन स्थान के लिए रवाना हो गई। इस दौरान धाम में बाबा केदार के दर्शनों को भक्तों का तांता लगा रहा। केदारनाथ धाम में अब तक 15.55 लाख से अधिक यात्री पहुंचे।
गुरुवार प्रात: साढे आठ बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए रवाना हो गई। 28 अक्टूबर को पंचमुखी डोली द्वितीय पड़ाव श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। 29 अक्टूबर को पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। यहीं भोले बाबा की शीतकालीन पूजा होगी। एक दिन पहले गंगोत्री धाम के कपाट भी बंद कर दिए गए थे। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे। इसके साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा। वहीं, अब शीतकालीन पूजा इन धामों के शीतकालीन पड़ावों पर होगी।