खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। जमरानी बांध परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने वाली तिथि 25 अक्टूबर को उत्तराखण्ड राज्य के इतिहास के पन्नो में हमेशा के लिए दर्ज कर ली गई है। दीपावली के बाद बांध निर्माण के लिए टेंडर निकालने एवं जनवरी माह में शिलान्यास करवाने के लिए अधिकारियों को निर्देश कर दिया गया है। जमरानी बांध परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों से किया जायेगा। यह बात सांसद एवं केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहीं।
शुक्रवार को भाजपा पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए सांसद एवं केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्राी अजय भट्ट ने पूर्ववर्ती केंद्र सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा यदि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों ने 1975 में जमरानी बांध परियोजना पर दिलचस्पी दिखाई होती तो आज परियोजना की लागत 2584 करोड़ नहीं पहुचती।उन्होंने कहा जमरानी परियोजना इकाई को संसोधित लागत का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने को कहा है। जिससे भाजपा की डबल इंजन सरकार इस महत्वाकांक्षी परियोजना को वर्ष 2028 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। श्री भट्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व में जमरानी बांध परियोजना एडीबी वित्तपोषित थी, जो वर्तमान में प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के अंतर्गत निर्मित होगी। जिसका लाभ राज्य सरकार को केंद्रांश 80 प्रतिशत की तुलना में 90 प्रतिशत के तहत स्वीकृति मिली है। परियोजना में राज्य सरकार एवं उत्तर प्रदेश को 10प्रतिशत अंश खर्च करना होगा।
जिसके एवज में उत्तर प्रदेश के बरेली रामपुर जिले को सिचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा, साथ ही तराई भावर के जिलों में पीने का पानी एवं डेढ़ लाख हेक्टेयर सिंचाई भूमि के लिए पानी मिलेगा। अकेले हल्द्वानी शहर को 117 एमएलडी पेयजल मिल सकेगा। उन्होंने बताया नैनीताल जिले के बांध परियोजना स्थल के डूब क्षेत्रा में आ रहे 1261 परिवारों को प्रागफार्म में विस्थापन एवं उनको मुआवजे की प्रक्रिया जिला प्रशासन ने पूर्ण कर ली है। पत्रकार वार्ता में जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, मेयर डा. जोगेन्द्र रौतेला, प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी चन्दन सिंह बिष्ट, नवीन भट्ट, रंजन बर्गली, भुवन भट्ट, विनोद मेहरा मौजूद रहे।