खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। परिवर्तनकामी छात्र संगठन के आह्वान पर उत्तराखंड में क्लस्टर योजना पर 15 अगस्त को दोपहर 2 बजे से दमुवाढुंगा के डॉ बी आर अम्बेडकर आदर्श विद्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का संचालन पछास के महेश ने किया। गोष्ठी की शुरुआत में ‘इसलिए राह संघर्ष की हम चुनें’ गीत प्रस्तुत किया गया।
गोष्ठी में बात रखते हुए पछास के चंदन ने कहा कि क्लस्टर योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का हिस्सा है। जिसके तहत सरकार शिक्षा की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है। शिक्षा मंत्री कहते हैं “कोई स्कूल बंद नहीं होगा, 559 क्लस्टर स्कूल खोले जाएंगे। बच्चों को किराए के लिए 100 रुपये दिए जाएंगे, हॉस्टल खोले जाएंगे।” किराए और हॉस्टल की बात का मतलब है कि स्कूल बंद किये जायेंगे। सरकार ने 30 जुलाई को आईजीएल, रिलेक्सो, ताज ग्रुप जैसे औद्योगिक समूहों से एमओयू साइन किया है। सरकार शिक्षा को भी मुनाफाखोर उद्योग की तरह चलाना चाहती है।
प्रगतिशील भोजनमाता संगठन की पुष्पा ने क्लस्टर योजना से भोजन माताओं के मात्र 3000 रुपये के मानदेय का रोजगार भी छिनने का खतरा है। अभी भी भोजनमाताएं तमाम परेशानी उठाकर काम कर रही हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के शिवम कुमार ने बताया कि यह सरकार शिक्षा को गरीबों-वंचितों से छीनने में लगी है। सरकार शराब की दुकानों को तो बढ़ावा दे रही है, लेकिन स्कूल बंद कर रही है। सरकार पूरी पीढ़ी को ही अज्ञान के अंधकार में डुबाना चाहती है। क्रांतिकारी किसान मंच के आनन्द ने बताया कि अटल उत्कृष्ट विद्यालय के नाम पर बनाये गए स्कूल अब भी संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। सरकार नई योजनाओं को पेश करती है पर उसकी कार्यवाही से मेहनतकश जनता की हालत और भी बुरी हो जाती है। मानव अधिकार रक्षा अभियान के यतीश जी ने कहा कि सरकार लगातार कल्याणकारी राज्य के दौर में हासिल छूट को खत्म करने में लगी है। साथ ही आम जन को धर्मोन्माद की ओर धकेल रही है। यही कारण है कि शिक्षा को बचाने के लिए संघर्ष होना कठिन हो गया है। प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की अध्यक्षा बिंदु जी ने कहा कि क्लस्टर स्कूल योजना के नाम पर स्कूलों के दूर या बंद होने से छात्राओं की पढ़ाई पर ज्यादा बुरा असर होगा। क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के टीकाराम ने कहा कि शिक्षा पर सरकार का अपने हाथ पीछे खींचने का मतलब है कि मजदूर मेहनतकश जनता के संघर्ष और समाजवाद के दबाव में हासिल अधिकार छीने जा रहे हैं।अम्बेडकर मिशन के जी आर टम्टा ने कहा कि शिक्षक-छात्र-अभिभाव- भोजनमाता आदि ही नहीं बल्कि हर नागरिक को अभियान से जोड़ा जाना चाहिए।इसके अलावा शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे बीएड, डीएलएड प्रशिक्षुओं पर भी हमला है, उन्हें इस मिशन से जोड़ना चाहिए। संघर्ष से ही रास्ता निकलेगा। गोष्ठी में विपिन, रजनी, लक्ष्मी पंत आदि वक्ताओं ने भी बात रखी। गोष्ठी का समापन “दुनिया के हर सवाल के हम ही जवाब हैं” गीत के साथ किया गया।
विचार गोष्ठी में सभी वक्ताओं ने सबको शिक्षा मिल सके इस सवाल को आगे बढ़ाने और शिक्षा के अधिकार को बचाने के लिए आगे आने का आह्वान किया गया। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा मौलिक अधिकार है और शिक्षा जैसे मौलिक अधिकार को खत्म नहीं करने दिया जाएगा। सभी छात्रों तक शिक्षा पहुंच सके इसके लिए जन जागरूकता और समाज में जागृति फैलाई जाएगी।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से महेश, हेमा पांडे, अनिषेख, यतीश पंत, बिंदु गुप्ता, रजनी, पुष्पा कुड़ाई, रूपाली, भावना, शिवम कुमार, आनंद, जी आर टम्टा, मोहन मटियाली, पुष्पा, विपिन, मयंक प्रसाद, हिमांशु, चंदन, उमेश पांडे, अनुराग चंद्र, टी आर पाण्डेय, पंकज पलड़िया, आरती सुमन, उमेश चंद्र, सहित अनेकों लोग उपस्थित थे।