काशीपुर। कृषि उत्पादन मंडी समिति के प्रभारी सचिव को विजिलेंस की टीम ने फल-सब्जी मंडीसमिति की दुकानों के लाइसेंस रिन्यूवल करने के नाम पर दो लोगों से 1.20 लाख रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। आरोप है कि प्रभारी सचिव ने लाइसेंस जारी करने के नाम पर दो दुकानदारों से उक्त रकम मांगी थी।
ग्राम सरवरखेड़ा निवासी फल-सब्जी मंडी समिति के अध्यक्ष शफायत चौधरी और शकील चौधरी की मंडी में लगभग 9-10 साल से दुकान है। यहां हर वर्ष दुकानों के लाइसेंस रिन्यू किए जाते हैं। लगभग 30 दुकानों के लाइसेंस रिन्यूवल की प्रक्रिया चल रही है। शफायत चौधरी और शकील चौधरी ने भी लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए 8-10 दिन पहले आवेदन किया था। इस संबंध में उनकी मंडी समिति के प्रभारी सचिव पूरन सिंह सैनी निवासी लक्ष्मीपुर पट्टी से बातचीत चल रही थी।
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि सैनी ने इसके लिए उनसे 60-60 हजार रुपये बतौर सुविधा शुल्क मांगे थे जबकि लाइसेंस रिन्यूवल की फीस करीब 250 रुपये है।काफी प्रयास के बाद जब उनकी बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने 1064 नंबर पर शिकायत की।मंगलवार की शाम करीब साढ़े चार बजे हल्द्वानी से पहुंची विजिलेंस टीम ने मंडी समिति कार्यालय पहुंचकर प्रभारी सचिव पूरन सिंह सैनी को 1.20 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ लिया। विजिलेंस टीम ने प्रभारी सचिव और दोनों शिकायतकर्ताओं से इस संबंध में पूछताछ देर रात जारी रही। घटना के संबंध में जानकारी जुटाने बड़ी संख्या
में लोग समिति कार्यालय के बाहर जमा हो गए। इस दौरान पुलिस ने किसी को भी समिति कार्यालय गेट से अंदर नहीं घुसने दिया। हालांकि अभी विजिलेंस टीम की ओर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। टीम मंडी समिति के प्रभारी सचिव से पूछताछ और रिश्वतखोरी से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच की जा रही है।
विजिलेंस की कार्रवाई के दौरान विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक समिति के प्रभारी सचिव पूरन सिंह सैनी लगभग 7-8 महीने बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे। लगभग दो महीने पहले ही पूरन सिंह सैनी ने समिति में प्रभारी सचिव का कार्यभार संभाला था।इससे पहले वह यहां पर लगभग 15-20 साल अकाउंटेंट के पद पर कार्य कर चुके हैं। फल-सब्जी मंडी समिति के अध्यक्ष शफायत चौधरी व शकील चौधरी ने बताया कि जब पूरन सिंह सैनी यहां अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत थे तब वह बिना रिश्वत के कोई काम नहीं करते थे। इस संबंध में कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी। बताया कि वह अपने पिछले कार्यकाल के दौरान भी व्यापारियों में चर्चा में रहते थे। मंडी के दुकानदारों ने बताया कि लाइसेंस रिन्यूवल की विभागीय फीस लगभग 250 रुपये है। जबकि यह लोग लाइसेंस के नाम पर मोटी रकम की मांग करते हैं। दुकानदारों से 60 हजार रुपये तक और अनाज मंडी में 35 हजार रुपये तक रिश्वत लेकर लाइसेंस रिन्यूवल करने का खेल चल रहा है।
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