पुस्तकीय ज्ञान ज़्यादा नहीं टिकता-श्री हरि चैतन्य महाप्रभु

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रूद्रपुर। प्रेमावतार, युगदृष्टा, श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर व विश्व विख्यात संत स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने भूरारानी में उपस्थित विशाल भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा ज्ञान कोई वाणी विलास नहीं है जीवन में सदाचार, संयम एवं भक्ति के आने पर जो ज्ञान स्वतः उत्पन्न होता है वही शाश्वत ज्ञान है। पुस्तकीय ज्ञान ज्यादा नहीं टिकता। ज्ञान अनुभव करें उसे जीवन में उतारें,मात्र दूसरों को उपदेश देने में ही नहीं स्वयं की मुक्ति के लिए उपयोग करो।आचरण में आये बिना ज्ञान की बातें मात्र दंभ – पाखंड है। संसार के सुख क्षणिक है विषयों के ही क्षणिक सुख को प्राप्त करने के लिए मात्र यह अमूल्य जनम नष्ट ना करें। कर्म,भक्ति व ज्ञान का जीवन में समन्वय स्थापित करो।
 
उन्होंने कहा कि मात्र कर्म करते हुए भी हम जीवन तो व्यतीत कर सकते हैं परंतु जीवन में वांछित शाश्वत सुख व आनंद प्राप्त नहीं कर सकते। अतः कोई भी कार्य करने से पूर्व विचार करें। तथा परमात्मा का हृदय से स्मरण करते हुए कर्म करें। संतो, शास्त्रों,महापुरुषों व अवतारों को मात्र अपनी कमियां छिपाने की ढाल ही ना बनाएं।उनसे प्रेरणायें, शिक्षाएं व उपदेश भी ग्रहण करके अपने जीवन में उतारकर जीवन को मर्यादित, आदर्श व दिव्य बनाएं। अपने अंतर में आ चुके असुरत्व को त्याग कर जीवन में दैवत्व को अपनाएं।
 
महाराज श्री ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा सद्गुरु की कृपा से प्राप्त प्रभु नाम जपकर व कल्याणमय मार्ग पर चलने से व्यक्ति अवश्य ही भवसागर से पार उतर सकता है। दृढ़ विश्वास पूर्वक परमात्मा का नाम जप भव रोगों की अचूक औषधि है। जन्म-मरण के चक्र में पड़ना, मां के गर्भ में भयानक नरक की यातनाएं सहना ये सभी समाप्त हो सकते हैं। हां प्रभु भक्तिमय, दृढ़ अनुरागमय जीवन कितनी बार भी क्यों ना मिले, व कितना लंबा क्यों ना मिले, राष्ट्रीयता, मानवता, सेवा, परोपकारमय जीवन की बार-बार याचना भी अवश्य करें।  लेकिन जीवन पाकर हम प्रभु भक्ति ना करें, किसी के काम ना आ सकें, पृथ्वी पर भार बन जायें ऐसा जीवन हमें नहीं चाहिए।
 
भूरारानी में पधारने पर बड़ी संख्या में हरि भक्तों ने श्री महाराज जी का फूल मालाएँ पहनाकर, पुष्प वृष्टि करते हुए, आरती उतारकर पूर्ण धार्मिक रीति से भव्य स्वागत किया। सुन्दर काण्ड व भण्डारे का आयोजन किया गया।
 
इससे पूर्व गदरपुर, दानपुर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार व रूद्रपुर में अनेक स्थानों पर हरि भक्तों ने श्री महाराज जी का भव्य स्वागत किया ।

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