नई दिल्ली। केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर (GST) में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, जीएसटी की नई संरचना से केंद्र और राज्य सरकारों की आय पर असर पड़ेगा। जीएसटी सचिवालय के अधिकारियों की फिटमेंट कमेटी ने इस नुकसान का मसौदा तैयार किया है।
नई जीएसटी व्यवस्था में कर प्रणाली को सरल करने के लिए दो दरें, 5% और 18%, लागू करने का प्रस्ताव है। साथ ही, सिगरेट और तंबाकू जैसे ‘सिन गुड्स’ पर 40% जीएसटी लगेगा। इसके अलावा, ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म से जीएसटी और टीडीएस कलेक्शन में केंद्र को लगभग 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा, क्योंकि हाल ही में इस तरह की गतिविधियों पर प्रभावी रूप से प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है और इस संबंध में कानून भी बन चुका है।
अधिकांश सेवाओं में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, लेकिन आम लोगों को राहत देने के लिए हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी हटाने का प्रस्ताव है। सरकार को उम्मीद है कि मौजूदा जीएसटी प्रणाली में बदलाव से राजस्व का यह नुकसान अस्थायी होगा और उपभोक्ता खर्च बढ़ने से इसकी भरपाई हो जाएगी। इस साल की शुरुआत में, केंद्र सरकार ने 12.75 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले वेतनभोगी लोगों के लिए आयकर में छूट का प्रावधान भी किया था ताकि खपत को बढ़ावा मिले।
दशहरा के आसपास लागू हो सकते हैं नए GST रेट
जीएसटी काऊंसिल की 56वीं बैठक 3 और 4 सितंबर को नई दिल्ली में होगी। इससे पहले 2 सितंबर को जीएसटी सेक्रेटेरिएट के अधिकारियों की बैठक होगी। पहले यह बैठक सितंबर के अंत या अक्टूबर की शुरुआत में होने वाली थी, लेकिन राज्य सरकारों से सलाह के बाद इसे पहले कर दिया गया। सरकार नए जीएसटी रेट दशहरा (2 अक्टूबर) तक लागू कर देना चाहती है।
20 और 21 अगस्त को दिल्ली में हुई ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की बैठक में 12% और 28% जीएसटी स्लैब को खत्म करने के केंद्र के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने 5% और 18% जीएसटी स्लैब को स्वीकार किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार 15 अगस्त के मौके पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, ‘सरकार अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लाएगी, जिससे आम आदमी पर कर का बोझ कम होगा। यह सरकार की तरफ से देशवासियों के लिए दिवाली का तोहफा होगा।’




