कांग्रेस भले ही सरकार नहीं बना पाई, मगर राज्य के 36 फीसदी जनता ने जताया है कांग्रेस पर विश्वास -यशपाल आर्य  

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देहरादून। उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा है कि भले ही कांग्रेस सरकार नहीं बना पाई, मगर राज्य के 36 फीसदी जनता ने कांग्रेस पर विश्वास जताया है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि राज्य व राज्य की जनता के हित में काम कर विधानसभ के भीतर व बाहर लोकतांत्रिक ढंग से संघर्ष किया जाएगा।


नेता प्रतिपक्ष का पदभार संभालने के बाद यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखंड की जनता ने हमें विपक्ष की भूमिका में रहकर जनता की आवाज को बुलंद करने हेतु जनादेश दिया है। कांग्रेस पार्टी भले ही जीत कर सरकार नही बना पाई हो लेकिन प्रदेश के कुल मतदाताओं में से 36 फीसदी ने कांग्रेस पार्टी पर भरोसा किया है। हम जनादेश को विनम्रता पूर्वक स्वीकार करते हुए सकारात्मक और सजग विपक्ष की भूमिका में रहते हुए राज्य हित और राज्य की जनता की बेहतरी व खुशहाली के लिए कार्य करने को तैयार हैं। कांग्रेस पार्टी स्वच्छ लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास करती है इसलिए विधानसभा के भीतर और बाहर लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुसार सकारात्मक विरोध की राजनीति करेगी। 19 सदस्यों वाला कांग्रेस विधायक दल भले ही सत्ता पक्ष की तुलना में संख्या बल में छोटा हो लेकिन हमारा विधायक दल विविधताओं से भरा है, जिसमें प्रीतम सिंह जैसे राज्य की सबसे वरिष्ठ विधायकों में से एक विधायक हैं तो हमारे इस विधानसभा में ऊर्जा से लवरेज 5 नए विधायक भी हैं। विधायक मंडल दल में पंचायतों में विभिन्न स्तरों पर प्रतिनिधित्व कर विधायक तक पहुंचे विधायक हैं। पूर्व मंत्री हैं तो ममता राकेश जी और अनुपमा जी के रूप में दो महिला विधायक भी सम्मिलित है। भरोसे के साथ कह सकता हूं कि हमारे विधायक संपूर्ण  देवभूमि उत्तराखंड और उत्तराखंडियत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं और पूरे उत्तराखंड की आवाज बन सकते हैं।

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नेता प्रतिपक्ष के रूप में कोशिश होगी की विधानसभा  का अधिकतम प्रयोग प्रदेश की जनता की खुशहाली और प्रगति के लिए करें। उत्तराखंड में विधानसभा के सत्रों की समयावधि धीरे धीरे कम होती जा रही है। उत्तराखंड की विधानसभा की सत्रों की समयावधि की तुलना यदि हमारे साथ बने दो राज्य झारखंड और छत्तीसगढ़ तथा अपने पड़ोसी राज्य हिमाचल से करें तो इन सभी राज्यों की तुलना में उत्तराखंड में विधानसभा के सत्रों की समयावधि बहुत छोटी है। विधानसभा के सत्र छोटे होने से विधायकों को विधानसभा में अपने क्षेत्र और प्रदेश की जनता की आवाज उठाने के लिए बेहद कम समय मिलता है। सरकार पर लंबे और प्रभावी विधानसभा  सत्र आहूत करने हेतु दबाव डालेंगे। सरकार को यदि सत्र की समयावधि  बढ़ानी है तो सरकार को पहले से तैयारी कर विधान सभा हेतु सरकारी कार्य और विधायन की मात्रा बढ़ानी होगी। क्योंकि बिना सरकारी कामकाज के सत्र चलाना मुश्किल होता है। अभी भी प्रदेश में सैकड़ों तरह के विधायन कार्य अधूरे हैं। हम अनेकों कानूनों और नियमावलियों के लिए अपने पूर्ववर्ती राज्य उत्तर प्रदेश पर निर्भर हैं। कांग्रेस सरकार के समय विधानसभा से पास कर राज्यपाल को स्वीकृति हेतु भेजे गए लोकायुक्त कानून और राजकीय सेवाओं में राज्य आंदोलनकारियों से संबंधित कानून अभी भी स्वीकृत होकर नहीं आये हैं सरकार को शीर्ष स्तर के भ्रष्टाचार पर रोक लगाने तथा राज्य आंदोलनकारियों को सम्मान देने के लिए इन दोनों विधायकों और ऐसे अनेकों विधेयकों पर फिर से कार्य शुरू करना चाहिए। इसलिए  सरकार अब सदन चलाने के लिए पर्याप्त सरकारी काम काज का बहाना नही बना सकती है। यदि सरकार उत्तराखंड की जनता के हित में और जनता की परेशानियों को हल करने के लिए पर्याप्त संख्या में विधेयक नहीं लाती है तो मजबूर होकर हम उन विषयों पर कांग्रेस विधानमंडल दल के माननीय विधायकों के द्वारा प्राइवेट मेंबर बिल सदन में प्रस्तुत करेंगे जो सरकार को आईना दिखाने का काम करेंगे।  पिछली विधानसभा में भी कांग्रेस के विधायक द्वारा लाए गए प्राइवेट मेंबर बिल चारधाम देवस्थानम बोर्ड कानून को निरस्त करने में महत्वपूर्ण हथियार व कारण बना था। इसी तरह  उत्तराखंड जमीदारी उन्मूलन कानून में गलत बदलाओं को समाप्त करने वाले प्राइवेट मेंबर बिल के कारण सरकार दबाव में आई और शसक्त भू-कानून हेतु एक उच्चस्तरीय समिति बनाई थी। हालांकि शसक्त भू-कानून के मामले में अभी भी सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है। कांग्रेस विधानमंडल दल के विधायकगण व्यापक राज्य हित के विषयों को  विभिन्न नियमों के तहत उठाएंगे और प्रश्नकाल का पूरा सदुपयोग किया जाएगा। हमारी कोशिश होगी की हम न केवल विधानसभा में  सरकार के कदम भटकने पर उन्हें चेताएँगे बल्कि संबैधानिक प्रक्रिया के तहत सरकार को रास्ता दिखाते हुए बेहतर विकल्प भी देंगे। यदि सरकार सदन में संख्या बल के दम पर हमारे सकारात्मक विकल्पों को दबाती है या स्वीकार नहीं करती है तो हम कांग्रेसी पार्टी के कार्यकर्ताओं के द्वारा इन विकल्पों को लेकर जनता के सामने जाएंगे और जनता के साथ मिलकर उत्तराखंड की बेहतरी के लिए सड़कों पर संघर्ष करेंगे। इन सभी कार्यों के लिए मुझे और कांग्रेस के विधानमंडल दल को उत्तराखंड की जनता का आशीर्वाद और सहयोग मिलता रहेगा ऐसा मेरा भरोषा है।उत्तराखंड की प्रेस और मीडिया ने देश के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर उत्तराखंड राज्य आंदोलन और आज तक बहुत ही जिम्मेदार और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है अब विपक्ष की इस सकारात्मक लड़ाई में सहयोग देंगे और इन सकारात्मक मुद्दों को विभिन्न माध्यमों से जनता के बीच पहुंचाने में विपक्ष की सहायता करेंगे।

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TAGS: congress news dehradun news Uttrakhand news

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