खबर सच है संवाददाता
देहरादून। हरीश रावत को जनता ने क्यों हराया ? ये सवाल खुद हरीश रावत लोगों से पूछने निकलने वाले हैं। शनिवार को उत्तराखंड में कांग्रेस का चुनाव अभियान प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नाम से जोड़कर श्री गणेश अभियान की शुरुआत करने के साथ ही कांग्रेस ऑफिस में 45 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरीश रावत ने बड़े सपने भी दिखाए, तो बैकफुट पर भी नजर आए।
स्वास्थ्य,शिक्षा और रोजगार पर बीजेपी सरकार को घेरते हुए रावत ने कहा कि बर्बाद हो चुके उत्तराखंड के विकास का प्लान सिर्फ उनके पास है। हरीश रावत ने कहा कि उन्हें बीजेपी ने हरद्वारी लाल कहा, इसलिए मै गन्ने और मंडुवे के साथ दो दिन हरिद्वार की परिक्रमा करने के साथ ही मोरी से मुनस्यारी तक और टनकपुर से खानपुर तक अकेले जाऊंगा और अपनी हार की वजह पूछुंगा। इस दौरान हरीश रावत ने पीएम मोदी को 2017 का फुशकीबाज़ और टर्कीबाज़ करार दिया है जो गढ़वाली-कुमाउंनी में दो बात कहकर चुनाव जीत गए वहीं खुद को सनातनी हिन्दू बताते हुए कहा कि बीजेपी से कांग्रेस का ही असली बैर है।
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वहीं हरीश रावत की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को इमोशनल ड्रामा बताते हुए पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि ये अच्छी बात है कि उम्र के अंतिम पड़ाव पर हरीश रावत को ये महसूस हो रहा है कि उनसे गलतियां हुई हैं। हरीश रावत को 2022 का चुनाव कांग्रेस और खुद के लिए करो या मरो का चुनाव लगने लगा है। क्योकि एक हार सब को जीरो कर देगी, और हरदा की चिंता इसलिए भी ज़्यादा है क्योंकि 2017 की हार के वक्त वो मुख्यमंत्री थे और 2022 में उनकी नजर फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर टिकी है।
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