महाराज जी के दर्शन एवं जन्मोत्सव कार्यक्रम हेतु देशभर से पहुँच रहे हैं लाखों श्रद्धालु
गढीनेगी। प्रेमावतार, युगदृष्टा, श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर एंव विश्व विख्यात संत स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने यहाँ ए़ एऩ झा़ इन्टर कॉलेज करनपुर में उपस्थित विशाल भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि परिवार, स्वसमाज और स्वराष्ट्र के उस पार दृष्टिक्षेप करके हम अखिल मानव-जाति तथा प्राणी मात्र से प्रेम का व्यवहार करें। विश्व-बंधुत्व का उदात्त भाव रखें तथा सभी के साथ मैत्री करें। प्राणी मात्र के प्रति हम मित्र भाव से ही देखें और हमारे मन से सभी अपवित्र विचार श्रृंखला नष्ट हो जाए, हमारे मन में किसी के भी विषय में शत्रु भाव न हो, कोई बड़ा हो अथवा छोटा हो हमारा स्नेह भाव उन पर सदा हो, सत्य वचन और मृदु भाषा पर अत्यधिक बल दिया है। सत्य जीवन का वह अकाट्य धर्म है जिसने मनुष्य को सामाजिक तथा व्यवहारिक जीवन में प्रतिष्ठा प्रदान किए साथ ही परलोक का मार्ग भी प्रशस्त किया है ।विजय सत्य की होती है असत्य की नहीं।
महाराज श्री ने कहा कि पृथ्वी में धारण करने की क्षमता सत्य से ही आती है, सत्य के कारण ही सूर्य तपता है। सत्य के बल पर ही वायु का संचरण होता है तथा सर्वस्व की प्रतिष्ठा सत्य में ही है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी कहा है कि “धरम न दूसर सत्य समाना, आगम निगम पुराण बखाना।” सत्य के बारे में कबीरदास जी भी कहते हैं कि सत्य के बराबर कोई तप नहीं, झूठ के बराबर कोई पाप नहीं। “साँच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप” तथा जिसके हृदय में सत्य का वास है वहां भगवान का निवास है। जाके हृदय सांच है, ताकि हृदय आप। आग्रह, दुराग्रह, संग्रह, परिग्रह, निग्रह इन पांचो ग्रहों के रहते प्रभु का अनुग्रह नहीं मिलता। इन पांचो से स्वयं विचार पूर्वक ही मुक्त हो सकते हैं अन्य साधन से नहीं। दूसरों के कर्तव्य पालन की चिंता ना करके अपने कर्तव्य का पालन करें। दूसरों के बारे में सोचना ही है तो सर्वहितकारी चिंतन करें कि किसी के जीवन में अशांति, वेदना, दुख ना रहे। उन्होंने वाणी की मधुरता पर भी पर्याप्त बल दिया।
चार दिवसीय विराट धर्म सम्मेलन का शुभारंभ हो चुका है। रोज़ दिनभर अत्यधिक व्यस्त कार्यक्रमों में परम पूज्य श्री महाराज जी के दर्शनों व दिव्य अमृत वचनों को सुनने के लिए हज़ारों भक्तों का ताँता लगा हुआ है। नित्य की भाँति भी अनेक स्थानों पर श्री महाराज जी का पावन जन्मोत्सव अग्रिम रूप से धूमधाम से मनाया जा रहा है। 11 जून प्रातः सात बजे विशाल व भव्य कलश यात्रा श्री हरि कृपा धाम आश्रम से ए़ एन. झा. इंटर कॉलेज करनपुर तक निकाली जाएगी। उसके राम चरित मानस पाठ प्रारंभ होगा जिसका समापन 12 जून को प्रातः 8 बजे होगा। तथा सांय 4 से 6 बजे तक दिव्य प्रवचन इंटर कॉलेज करनपुर में होंगे। 12 जून विराट धर्म सम्मेलन प्रातः 9 बजे से दोपहर एक बजे तक। विशाल भंडारा एक बजे से। सम्पूर्ण कार्यक्रम के दौरान लाखों भक्तों के अलावा अनेक प्रमुख संत, मुख्यमंत्री उत्तराखंड, अनेक पूर्व मुख्यमंत्री, अनेक केन्द्रीय मंत्री, अनेक मंत्री, अनेक सांसद, पूर्व मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक,प्रदेश के अनेक बड़े अधिकारी, अनेक माननीय न्यायाधीश व क्षेत्र के गणमान्य लोग पहुँचेंगे। सुप्रसिद्ध भजन गायक व विश्व प्रसिद्ध सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देने के लिए पहुँच चुके हैं ।
12 जून को परम पूज्य श्री महाराज जी का पावन प्राकट्योत्सव जन्मोत्सव हमेशा की भाँति भारत सहित सम्पूर्ण विश्व के 360 से भी अधिक स्थानों पर मनाया जाएगा। 12 अप्रैल से ही श्री महाराज जी जहां भी पधार रहे हैं हरि भक्त धूमधाम से जन्मोत्सव मना रहे हैं।
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