खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने, सामूहिक बलात्कार करने व जातीय हिंसा के विरोध में परिवर्तनकामी छात्र संगठन (पछास) और क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन (क्रालोस) ने आज संयुक्त बुद्ध पार्क तिकोनिया में सभा कर मणिपुर के मुख्यमंत्री का इस्तीफा और प्रधानमंत्री से तत्काल मणिपुर के अंदर शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग करते हुए मणिपुर सरकार व केंद्र सरकार का पुतला दहन किया। इस दौरान मणिपुर हिंसा और उत्तराखंड के चमोली में नमामि गंगे परियोजना के तहत मारे गए लोगों को भी श्रद्धांजलि दी गई।
इस दौरान चली सभा में वक्ताओं ने कहा कि मणिपुर से भयानक वीडियो/तस्वीर सामने आ रही है। 2 महिलाओं को पुरुषों के समुदाय द्वारा नग्न घुमाया जा रहा है। इस वीडियो से सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि मणिपुर में बीते ढाई महीने से जारी हिंसा में महिलाओं के साथ किस तरह की यौन बर्बरता हुई होगी और क्या कुछ घटित हुआ होगा। वीडियो सामने आने के बाद मणिपुर पुलिस और सरकार ने हरकत में आकर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है। बीते 3 मई से कुकी और मेतेई समुदायों के बीच भड़की हिंसा जातीय, नस्लीय व सांप्रदायिक घृणा की राजनीति का परिणाम है। छोटे राज्य में इन हिंसाओं से अभी तक 160 से अधिक लोगों की मौत और 50000 से अधिक लोगों के विस्थापन की बात सामने आ रही है। मणिपुर की भाजपा सरकार, केंद्र की मोदी सरकार मणिपुर के इन हालातों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाली मोदी सरकार के राज में महिलाओं के साथ में इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा हैं। यह ‘डबल इंजन’ की सरकार बेपटरी हो चुकी है। देश के प्रधानमंत्री दुनियाभर में घूम-घूमकर शान्ति का पाठ पढ़ा रहे हैं लेकिन उनके पास मणिपुर जाकर शांति कायम करने का समय नहीं हैं। इस दौरान महेश चंद्र, मुकेश भंडारी, मोहन, हिमानी, उमेश, रियासत, चंदन, विनोद, रईस, अयूब सहित कई लोग उपस्थित थे।