खबर सच है संवाददाता
अल्मोड़ा। जगदीश हत्याकांड में पुलिस ने एक और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक अन्य आरोपित की हत्याकांड के अगले दिन ही संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार राय ने बताया कि नदी से रेत निकालकर घोड़ों से ढुलान करने वाले दोनों आरोपितों ने जगदीश की रेकी करने और गीता को खोजने में हत्यारोपितों का साथ दिया था।
एसएसपी ने पत्रकार वार्ता कर कहा कि पनुवाद्योखन निवासी जगदीश चंद्र हत्याकांड में घटना के दिन गीता के स्वजनों ने घोड़ों से ढुलान का कार्य करने वाले नंदन सिंह पुत्र कुंवर सिंह और नरेंद्र सिंह पुत्र हीरा सिंह निवासी नौगांव तहसील रानीखेत के साथ मिलकर जगदीश चंद्र की हत्या का षड्यंत्र रचा था। गीता के सौतेले भाई गोविंद सिंह के मित्र नंदन ने जगदीश के ग्राम बोली चापड़ में आने और गांव से निकलने की रेकी कर सूचना हत्यारोपितों को दी थी। गोविंद और गीता के सौतेले पिता जोगा सिंह ने एक सितंबर को जगदीश का अपहरण किया। गीता की तलाश में उसके पिता अल्मोड़ा नहीं आए थे। बल्कि मां भावना, भाई गोविंद और उनके साथ नंदन ओमनी वैन संख्या यूके 19 टीए 0389 में धारानौला आए। इस दौरान जोगा और नरेंद्र ने जगदीश को बंधक बनाकर सैलापाली पुल के पास रखा था। गीता के अल्मोड़ा नहीं मिलने पर उन्होंने जगदीश की हत्या कर दी। शव को ओमनी वैन के माध्यम से ठिकाने लगाने ले जाते समय गीता के स्वजन गोविंद, जोगा और भावना को पुलिस टीम ने रंगे हाथों पकड़कर शव बरामद किया था। गहन जांच के दौरान पुलिस को हत्याकांड में नंदन और नरेंद्र के शामिल होने के सुराम मिले। नंदन सिंह की घटना के अगले दिन अज्ञात कारणों से मौत हो गई थी। इधर शुक्रवार को पुलिस ने नरेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। घोड़ों का कार्य करने वाला नंदन सिंह गीता के सौतेले भाई गोविंद सिंह का मित्र था। इन्होंने दिल्ली में भी साथ कार्य किया था। दोस्ती निभाते-निभाते नंदन ने अपराध को अंजाम देे दिया। हत्याकांड के अगले दिन ही नंदन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। हालांकि उसके आत्महत्या करने की आशंका जताई जा रही है, लेकिन बगैर पोस्टमार्टम के शव दाह होने से उसकी मौत के कारणों की भी पुष्टि नहीं हो सकी है। वहीं जगदीश हत्याकांड में नंदन की मौत से कई राज गोपनीय रह गए। जगदीश के स्वजनों से पुलिस ने पूछताछ की। इस दौरान उसकी मां, बहन और दो भाईयों को भी उसके विवाह करने की जानकारी नहीं थी। हत्याकांड के बाद स्वजनों को पूरे मामले की जानकारी मिली।
गिरफ्तारी टीम में विवेचनाधिकारी रानीखेत सीओ तिलक राम वर्मा, भतरौंजखान थानाध्यक्ष संजय पाठक, भिकियासैंण चौकी प्रभारी मदन मोहन जोशी, कांस्टेबल शमीम अहमद, एसओजी प्रभारी सुनील धानिक, एएनटीएफ प्रभारी सौरभ भारती, कांस्टेबल बलवंत प्रसाद, इंद्र कुमार आदि रहे।