खबर सच है संवाददाता
चमोली। उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव के खतरे के बीच राहत-बचाव का प्लान तैयार किया गया है। जिला प्रशासन ने लोगों को बचाने के लिए जोशीमठ को तीन जोन डेंजर-बफर-पूरी तरह सुरक्षित’ में बांट दिया है। प्राधिकरण उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में आज मंगलवार को होटल और घरों को गिराने का काम शुरू करेगा, जिसमें भूस्खलन और धंसने के कारण दरारें आ गई हैं।
अधिकारियों ने कहा कि होटल मलारी इन और माउंट व्यू, जिनमें अधिक दरारें विकसित हुई हैं, को ध्वस्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों के निवासियों को “असुरक्षित क्षेत्र” घोषित किया गया था, जिन्हें खाली कर दिया गया है। विध्वंस कार्य की निगरानी केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), रुड़की द्वारा की जाएगी, साथ ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को स्थानीय प्रशासन की सहायता के लिए तैनात किया जाएगा। इस दौरान 60 मजदूरों के साथ ही 2 जेसीबी, 1 बड़ी क्रेन और 2 टिप्पर ट्रक मौजूद रहेंगे। वहीं, गिराए जाने वाले असुरक्षित भवनों पर लाल निशान लगा दिए गए हैं।
जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव के दृष्टिगत जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली द्वारा जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र के कुल 9 वार्ड में 678 भवन प्रभावित हुए है। जबकि सुरक्षा की दृष्टि से होटल माउंट व्यू व मलारी इन होटल का संचालन ऐतिहातन बंद कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने शहर में रह रहे लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अबतक 81 परिवारों को विभिन्न अस्थायी स्थानों पर विस्थापित किया है। जिला प्रशासन नगर क्षेत्र में निरंतर नजर बनाए हुए हैं। प्रशासन द्वारा जोशीमठ नगर क्षेत्र अंतर्गत निवास करने योग्य 213 कमरों की क्षमता वाले कुल 16 भवनों को चयनित किया गया है जिसमे कुल 1191 लोगो को ठहराया जा सकता है। वहीं नगर पालिका क्षेत्र जोशीमठ के बाहर पीपलकोटी में जिला प्रशासन द्वारा अस्थायी आवासीय व्यवस्था हेतु 491 कमरों के कुल 20 भवनों को चयनित किया गया है जिसमे कुल 2205 लोगों को ठहराया जा सकेगा। राहत कार्यो के तहत जिला प्रशासन द्वारा अबतक 53 परिवारों को 5 हजार रुपये की दर से कुल 2 लाख 65 हजार रुपये की धनराशि आवश्यक दैनिक घरेलू सामग्री क्रय करने हेतु वितरित की जा चुकी है। इसके अलावा प्रभावितों में 63 खाद्यान किट व 53 कंबल का राहत सामग्री के रूप में आतिथि तक वितरण किया जा चुका है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रभावितों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है जिसके तहत राहत शिविरों में रह रहे 50 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। जिला मजिस्ट्रेट चमोली द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 33 व 34 का प्रयोग करते हुए नगर क्षेत्र अंतर्गत 4 वार्डों को असुरक्षित घोषित करते हुए इन वार्डों को खाली करवाने का आदेश जारी किया गया है।