खबर सच है संवाददाता
उत्तराखंड में सरकार गठन के बाद से ही भाजपा के एक के बाद एक तमाम नेता-मंत्री हास-परिहास का विषय बनने के साथ ही प्रतिद्वंदता के लिए चर्चा में रहे है। कभी विधायकों के बीच फौजदारी पुलिस कारवाही तक पहुँच जाती है। तो अब कोविड जांच फर्जीवाड़े को लेकर पूर्व और वर्तमान मुख्य मंत्रियों की तू-तू, मै-मै आम चर्चा का विषय बनी है।
हरिद्वार कुंभ में कोविड जांच फर्जीवाड़े के मामले में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान ठीक एक दूसरे के विरोधाभासी देखने को मिल रहे हैं। दोनों अपने पाले की गेंद दूसरे के पाले में डाल रहे हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने कहा कि यह मामला उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले का है, तो उनके बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रतिक्रिया ब्यक्त करते कहा कि जांच में पता चल जाएगा कि मामला किसके समय का है।
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https://khabarsachhai.com/2021/06/08/special-edition-by-editor/ https://khabarsachhai.com/2021/06/17/the-priest-will-perform-shirshasan-in-kedarnath-in-protest-the-devsthanam-board/बृहस्पतिवार को गढ़ी कैंट में कोविड केयर अस्पताल का लोकार्पण करने के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया कर्मियों से कहा कि ये मामला पुराना है। मैं मार्च में आया हूं। जब मैंने इसकी छानबीन की मैं दिल्ली में था। मैंने दिल्ली से आते ही मामले की जांच बैठाई है और मैं चाहता हूं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह हत्या के प्रयास का मामला है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि मामले की न्यायिक जांच कराएं। कहा कि जनता के सामने यह भी आना चाहिए कि यह किस दौरान का मामला है। आखिर कब इस तरह के लाखों टेस्ट हुए और कब उन्हें नेगेटिव दिखा दिया गया। मुख्यमंत्री के बयान का स्वागत करता हूं। उस पर मैं गहरी जांच की मांग करता हूं। उन्होंने कहा, मुझे ऐसा ध्यान है कि कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए थे। इसमें टेंडर हमारे समय में नहीं हुआ। यदि टेंडर हुआ होगा तो मेला प्रबंधन के द्वारा हुआ होगा। नोटिफिकेशन हमारे समय में हुआ था, जो एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक का था।
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हालांकि महाकुंभ के दौरान कोविड जांच के फर्जीवाड़े में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मैक्स कारपोरेट सर्विस, हिसार की नलवा लेबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और डॉक्टर लाल चंदानी लैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने के बाद पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी है। लेकिन इस मामले को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच तू-तू, मै-मै की सियासी हलकों में खूब चर्चा है।
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