खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। अपर सत्र न्यायाधीश स्पेशल पॉक्सो की अदालत ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के अंर्तगत आईटी एक्ट के आरोपी गोंविद सिंह देऊपा को आरोपों से दोषमुक्त कर दिया है।
आरोपी के अधिवक्ता बसंत जोशी ने बताया कि मामले के अनुसार आरोपी गोविंद सिंह देवता के विरुद्ध नाबालिग पीडि़ता के पिता ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था। वादी ने थाना कालाढूंगी में एक सितंबर 2022 को पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उसकी पुत्री आरोपी गोविंद सिंह देऊपा के पास ट्यूशन पढऩे जाती थी, आरोप था कि वह ट्यूशन में बच्चों के सामने उसकी पुत्री को डांटते थे और गंदी वीडियो दिखाते थे और आरोपी ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। पीडि़ता का कहना था कि उसके बाद वह दिन रात फोन करते थे और ट्यूशन में जब और बच्चे नहीं होते तो वह उसके साथ छेडख़ानी करते थे। आरोपी के अधिवक्ता बसंत जोशी ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश स्पेशल जज पॉक्सो की अदालत में लगभग आठ महीने चले मुकदमे के बाद अभियोजन की ओर से जो प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए गए थे, उसमें पीडि़ता पक्ष ठोस गवाह पेश नहीं कर पाए और वैज्ञानिक साक्ष्य के मामले को साबित नहीं कर पाए। जिससे उसके साथ कोर्ट में आरोपी द्वारा शारीरिक संबंध बनाया साबित नहीं हो पाया। कोर्ट ने आरोपी देऊपा को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया है।