धर्म लौकिकता व पारलौकिकता का अनूठा संगम है- श्री हरि चैतन्य महाप्रभु  

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चार दिवसीय विराट धर्म सम्मेलन के उमड़ा अपार जन सैलाब 

जबलपुर।  प्रेमावतार, युगदृष्टा, श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर एवं भारत के महान सुप्रसिद्ध युवा संत श्री श्री 1008 स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज के 62 वें जन्मोत्सव पर जबलपुर में हरि भक्तों की उपस्थिति एवं भक्तों का महाराज श्री से श्रद्धा व प्यार ने शहर को जय श्री हरि, कामां के कन्हैया एवं लाठी वाले भैय्या से गुंजायमान कर दिया। इस दौरान यहाँ सनातन धर्म पब्लिक स्कूल में विशाल भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म लौकिकता व पारलौकिकता के बीच एक सेतु का काम करता है। लौकिक कर्तव्यों का पालन करते हुए पारलौकिक मार्ग पर कैसे आगे बढ़ा जा सके यह सिखाता है धर्म। कर्म, भक्ति व ज्ञान का सुन्दर समन्वय स्थापित करके जीवन को आदर्श, महान, सुखी व समृद्ध बनाने का संदेश देता है धर्म। सत्य, अहिंसा, परोपकार, राष्ट्र भक्ति, माता पिता व गुरुजनों का सम्मान, सदाचरण, नैतिकता व चारित्रिक उत्थान का संदेश देता है धर्म। हम आज हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी, जैन इत्यादि बने हैं जिसमें कोई बुराई नहीं लेकिन एक सच्चे इंसान बने हैं या नहीं अंतरात्मा में यह सोचने पर मजबूर करता है धर्म। हम अपने धर्म का सम्मान करे लेकिन औरों का निरादर नहीं। सही दिशा में उठाया हमारा हर क़दम कल्याणकारी होगा।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में समाज में निरन्तर नैतिकता, राष्ट्रीयता व चरित्र का हो रहा ह्रास अत्याधिक चिंता का विषय हैं। धर्म विज्ञान सम्मत है ढकोसला नहीं, लोगों ने अपने तुच्छ स्वार्थों के लिए इसे ढकोसला बनाने का प्रयास किया। धर्म से विज्ञान दूर होने पर ही ढोंग, पाखंड, अंधविश्वास, रूढिवादिताओं को बढावा मिलता है।धर्मविहीन विज्ञान विकास का नहीं, विनाश का कारण बनेगा। महाराज श्री ने भागवत शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि ‘भा’ यानी भाव सृजन करने वाली, ‘ग’ यानी गर्व को नष्ट करने वाली, ‘व’ यानी वर्ण व वर्ग भेद को समाप्त करने वाली, ‘त’ यानी तपस्चर्या परिपूर्ण जीवन जीने का संदेश देने वाली है। लिहाजा ग्रहस्थ को ही तपोवन बना लें तो फिर जंगलों, गुफाओं या हिमालय में तप हेतु जाने की आवश्यकता नहीं होगी। गंगा व यमुना की तरह पवित्र भाव से आपस में मिले, जीवन में एक लक्ष्य हो, लक्ष्य की ओर निरंतर प्रयास हो। मनोबल, आत्मबल व आत्मविश्वास बरकरार रखें। परमात्मा का स्मरण करते हुए बाधा, कठिनाईयों, परीक्षाओं से यदि न घबराते हुए निरंतर चले तो सफलता अवश्य ही क़दम चूमेगी। व ऐसा मिलाप होने पर गंगा व यमुना की तरह एक बार मिलने के बाद कभी संबंध टूटने की कगार पर नहीं आएंगे। श्री राम भरत के मिलाप का उदाहरण देते हुए कहा कि भरत ने स्वयं को राम के रंग में पूरी तरह रंग लिया तो 14 वर्ष की तन की दूरी भी दिल से दूर नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि मानव जीवन की ही महिमा है कि वह अपने लिए समाज के लिए व परमात्मा के लिए उपयोगी हो सकता है। त्यागपूर्वक शांत होकर अपने लिए, उदारता पूर्वक सेवा करके समाज के लिए व आत्मीयता पूर्वक प्रेम करके परमात्मा के लिए उपयोगी होता है ।शांत उदार व प्रेमी भक़्त हो जाना यह मानव जीवन की महिमा है। जो शांत होगा वह उदार तथा ज़ो उदार होगा वह भक्त होगा।ऐसा जीवन ही पूर्ण जीवन है व ब्रह्मा का साक्षात्कार भी यही है। त्याग संसार का नहीं अपितु ममता, अहंकार, अधिकार, लोलुपता आसक्ति आदि का करना है। परमात्मा अप्राप्त नहीं, नित्य प्राप्त है। मात्र प्राप्ति की स्मृति व जागृति के लिए निरन्तर सत्संग के प्रकाश में जीना है।महाराज श्री ने कहा कि सत्य बोलो और धर्म का आचरण करो, जीवन में सफलता मिलेगी।

बताते चलें कि महाराज श्री के दर्शनार्थ व दिव्य प्रवचनों को सुनने के लिंए स्थानीय, क्षेत्रिय व दूर दराज़ से काफ़ी संख्या में भक्त जन पहुँचे, वहीं विश्व में 360 से भी अधिक स्थानों पर महाराज श्री का प्राकटोत्सव धूमधाम एवं श्रद्धा पूर्वक मनाया गया।महाराज श्री के जन्मोत्सव के उपलक्ष में प्रधानमंत्री, महामहिम राष्ट्रपति सहित अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री, व राज्यपालों, देश के प्रसिद्ध संतों की शुभकामनाएं व बधाई संदेश भी प्राप्त हो रहे हैं। वहीं जबलपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान महाराज श्री ने अपने धाराप्रवाह प्रवचनों से उन्होंने सभी भक्तों को मंत्रमुग्ध व भाव विभोर कर दिया। सारा वातावरण भक्तिमय हो उठा व “श्री गुरु महाराज की जय”, “कामां के कन्हैया की जय” व  “लाठी वाले भैया की जय” से गूंज उठा। कार्यक्रम में मंच संचालन लक्की भाटिया ने किया। हरीश खत्री व अन्य सभी श्री हरि कृपा सेवा समिति जबलपुर के कार्यकर्ताओं ने श्री महाराज जी का 62 किलो की गुलाब के फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया। भक्तों के श्री हरि के जन्मोत्सव के दौरान मौसम भी सुहावना बना रहा। सुप्रसिद्ध भजन गायक टेक चंद शर्मा, गोविंद सैनी, पप्पू लहरी व मौलश्री ने गुरू महिमा की सुन्दर प्रस्तुतियों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित हुए। जिसके बाद विशाल भण्डारे में हज़ारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ अर्जित किया। इस दौरान 9 जून से रोज़ 2 से 4 बजे तक मेडिकल कैंप भी लगाया जा रहा है। 

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