खबर सच है संवाददाता
लालकुआं। कार रोड बिंदुखत्ता में परिवर्तनकामी छात्र संगठन, प्रगतिशील महिला का केंद्र, इंकलाब मजदूर केंद्र ने संयुक्त रुप से 23 मार्च भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु की शहादत मनाते हुए एक सभा का आयोजन कर शहीदों की क्रांतिकारी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हुए आज भी उनके विचारों की प्रासंगिकता को अहम बताते हुए कहा कि भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु की शहादत को 90 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इतने वर्षों बाद भी इन शहीदों की याद आती है। इन शहीदों के बताए रास्ते समाजवादी भारत के निर्माण का काम अभी किया जाना बाकी है। इसलिए इनके समाज बदलाव के विचार आज भी प्रासंगिक है। भगत सिंह सरीखे क्रांतिकारियों के विचारों पर समाज को आज चलने की जरूरत है।
सभा का संचालन करते हुए प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की उपाध्यक्ष बिंदु गुप्ता ने कहा कि आज भी भगत सिंह के सपनों के भारत को बनाने और देश के छात्रों को भगत सिंह के रास्ते पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। परिवर्तनकामी छात्र संगठन की साथी पिंकी ने शहीद भगत सिंह की क्रांतिकारी विरासत का ऐतिहासिक परिचय दिया तो इंकलाबी मजदूर केंद्र के साथी पंकज ने भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के विचारों की प्रासंगिकता के बारे मेें वक्तव्य रखा एवं HSRA पार्टी का संकल्प एवं आने वाले समाज समाजवादी समाज को बुनियाद बताते हुए इसे लाने का संकल्प लेते हुए बोला कि भगत सिंह ने आजादी के आंदोलन के समय में ब्रिटिश साम्राज्यवादी द्वारा थोपे गए जन विरोधी कानूनों “पब्लिक सेफ्टी बिल एवं ट्रेड डिस्प्यूट बिल” का विरोध किया था। आज के हालात में भारतीय शासकों ने जनता पर हमला बोलते हुए 1991 की नई आर्थिक नीतियों का विरोध किया। मोदी सरकार ने 29 केंद्रीय कानूनों को चार श्रम संहिताओं में बदल दिया है। आज के संकटग्रस्त दौर मैं भगत सिंह के विचारों को जानना होगा और संकल्प लेते हुए समाजवादी समाज के निर्माण में लगना होगा। साथ ही क्रांतिकारी कवि पाश की शहादत को भी याद किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से विमला, पुष्पा, पंकज, पिंकी, महेश, चंदन, उमेश पांडे, विपिन, अनुराग, आलिया, उमेश चंद्र, नीलम, आरती, नेहा क्रालोस से टी. आर. पांडे, मुकेश भंडारी, रियासत, मोहन मटियाली, नसीम, शेखर चंद्र, रजनी जोशी एवं अन्य साथी शामिल रहे।