खबर सच है संवाददाता
पिथौरागढ़। सीमांत जिला पिथौरागढ़ में तीन साल पहले दस किलोग्राम चरस के साथ पकड़े गए दो तस्करों को विशेष सत्र न्यायाधीश ने 16-16 वर्ष के कारावास और डेढ़ – डेढ़ लाख रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार लगभग तीन साल पहले 26 अक्टूबर 2020 को पुलिस ने दो चरस तस्करों को 10 किलो चरस के साथ पकड़ा था।
बताया कि पुलिस को तरस तस्करों की सूचना मिली। पुलिस और एसओजी टीम मुनस्यारी के ईको पार्क के पास पहुंची। जहां पर पहले से ही एसओ मुनस्यारी मौजूद थे। इसी दौरान पिथौरागढ़ से गई एसओजी टीम और मुनस्यारी पुलिस की टीम वाहनों से मुनस्यारी को रवाना हुए। घोषित कोठगाड़ी देवी सुरक्षित वन क्षेत्र पर दो व्यक्ति पैदल आते नजर आए जो पुलिस के वाहन देख कर सकपका गए। पुलिस ने वाहन रोक कर दोनों को पकड़ा। दोनों के हाथों में थैले थे। पुलिस को देखकर भागने का कारण पूछा गया तो उन्होंने अपने पास थैलों में चरस होने की बात बताई। जिसमें एक ने अपना नाम कुंदन निवासी रिंगू मुनस्यारी और दूसरे ने महेश उर्फ मनोज निवासी रिंगू बताया। एनडीपीएस का मामला होने से तहसीलदार मौके पर पहुंचे। जहां पर तहसीलदार के कहने पर कुंदन के पास मौजूद प्लास्टिक के कट्टे को खोलकर देखा तो उसमें छह पुलिंदे मिले। सभी पुलिंदों में बत्तीनुमा काले भूरे रंग का पदार्थ मिला। सभी पुलिंदों को अलग-अलग तौला गया तो कुल वजन 7 किलो 38 ग्राम रहा। दूसरे व्यक्ति महेश ऊर्फ मनोज के प्लास्टिक के थैले को खोला तो उसमें तीन पुलिंदे प्लास्टिक के मिले। उन्हें खोला गया तो उसमें भी बत्तीनुमा काले भूरे रंग का पदार्थ मिला। जिसका वजन नापने पर तीन किलो रहा। तहसीलदार व पुलिस द्वारा जांच के बाद बरामद पदार्थ चरस निकला। दोनों के खिलाफ एनडीपीएस के तहत मुनस्यारी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की सुनवाई विशेष सत्र न्यायालय (एनडीपीएस) में चली। अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी करते हुए शासकीय अधिवक्ता फौजदारी प्रमोद पंत और एडीजीसी प्रेम भंडारी ने दस से अधिक गवाह पेश किए। विशेष सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने अभियोजन और बचाव पक्ष को सुनने के बाद दोनों को एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषसिद्ध करते हुए सजा सुनाई। दोनों अभियुक्तों को 16-16 साल के कठोर कारावास और डेढ़-डेढ़ लाख के जुर्माने से दंडित किया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर चार-चार साल अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी।