खबर सच है संवाददाता
तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने की मांग को लेकर पिछले दस महीने से किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं। आज आंदोलन को चलते हुए दस महीने पूरे होने जा रहे हैं। इसे देखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को भारत बंद की घोषणा की हुई। मेरठ में भाकियू ने 14 स्थानों पर और जय किसान आंदोलन ने एक जगह चक्का जाम करने का एलान किया था।
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पश्चिमी यूपी के विभिन्न जिलो सहित मेरठ में किसान संगठन रात से ही चक्का जाम की तैयारियों में जुट गए। शहर में 14 जगह चक्का जाम किए जाने का एलान के साथ ही व्यापारियों ने भी भारत बंद का समर्थन करते हुए बाजार बंद रखा। हालांकि इमरजेंसी सेवाओं को बन्द से अलग रखा गया। मेरठ में भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने शिवाय टोल प्लाजा पर नारेबाजी करते हुए चक्का जाम शुरू कर दिया है। टोल प्लाजा पर चक्का जाम को देखते हुए पुलिस भी तैनात रही, बावजूद किसान टोल प्लाजा से वाहनों को निकलने नहीं दिया गया। मेरठ बागपत मार्ग पर प्राईवेट बस सेवा में बंद का अच्छा असर दिखाई दिया। बागपत में रालोद, सपा और कांग्रेस का भारत बंद को समर्थन दिया है। किसान, भाकियू पदाधिकारी, रालोद नेता नेशनल व स्टेट हाईवे पर करीब एक दर्जन जगहों पर धरना देकर बैठ गए। सहारनपुर में भारत बंद के दौरान आज दिल्ली-देहरादून हाइवे पर चमारी खेड़ा में टोल प्लाजा पर भाकियू कार्यकर्ताओं ने पूर्व जिलाध्यक्ष चौधरी चरण सिंह की अगुवाई में 10:45 बजे सभी लेन बंद करके राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया। इसी तरह नागल में मुजफ्फरनगर-सहारनपुर हाइवे पर वाहनों की आवाजाही बंद करके कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन करते दिखे। बिजनौर, नहटौर, चांदपुर, धामपुर, नजीबाबाद, नांगलसोती, मंडावली समेत करीब 45 जगहों पर चक्का जाम का खासा असर दिखा। सुबह 11 बजे किसानों ने ट्रैक्टर ट्राली लगाकर रास्ते जाम कर दिए। नांगल सोती क्षेत्र में खानपुर तिराहे के पास नांगल-चंदक मार्ग को भाकियू नेता राजवीर काकरान के नेतृत्व में किसान जाम लगाते हुए धरने पर बैठ गए। मुजफ्फरनगर में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज भारत बंद आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन ने चक्का जाम किया है। जनपद में दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे, मेरठ-करनाल हाईवे, पानीपत-खटीमा राजमार्ग समेत 12 स्थानों पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर और धरना देकर चक्का जाम किया है। चक्का जाम से राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
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उत्तराखण्ड में भी प्रशासन द्वारा बंद के दौरान किसी भी तरह की अराजकता को बदर्शत नहीं करने की सख्त हिदायत के बावजूद भारत बंद को सफल बनाने के लिए सभी किसान एक जुट दिखे। रुद्रपुर, नानकमत्त्ता, खटीमा, काशीपुर, रुड़की, देहरादून सहित अन्य शहरों में सभी छोटी-बड़ी दुकानें व्यापारियों ने स्वयं ही बंद रखीं। किसान मोर्चा के आह्वान पर हरिद्वार के विभिन्न इलाकों में रैली निकालने निकले किसानों को पुलिस ने ग्राम एक्कड़ के पास बैरिकेडिंग कर रोक दिया। इससे नाराज होकर किसान बीच सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। किसानों ने जमकर नारेबाजी कर विरोध किया। पुलिस से आगे जाने देने की मांग पर अड़ गए। इस बीच पुलिस से नोंकझोंक भी हुई। करीब एक घंटे बाद वरिष्ठ किसान नेताओं को एसओ पथरी अपनी गाड़ी में बैठाकर आगे चले और किसानों का काफिला पीछे चलता रहा। ग्राम जट बहादरपुर के पास पहुंचने के बाद किसानों को वापस लौटने के लिए पुलिस ने बीच रास्ते में छोड़ दिया। जिसके बाद किसान एकत्र होकर पथरी थाने पहुंच गए और अपनी गिरफ्तारी की मांग करते हुए यहां धरने पर बैठ गए। खटीमा में भारत बंद को व्यापारियों का पूर्ण समर्थन मिला। सभी छोटी-बड़ी दुकानें व्यापारियों ने स्वयं ही बंद रखीं। इस दौरान किसानों ने मुख्य चौक पर धरना प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के विरुद्ध अपना आक्रोश व्यक्त किया। बाजपुर में पूरी तरह से सफल रहा। दोराहा यूंपी बॉर्डर पर सुबह से किसानों के जत्थे जमा हो गये तथा किसी को भी बॉर्डर से अंदर आने और बाहर जाने नहीं दिया गया। लेकिन किसानों ने मानवता दिखाते हुए मेडिकल एवं अति आवश्यकता वाली वस्तुओं वाले वाहनों को नहीं रोका। बॉर्डर पर दोराहा पुलिस के साथ ही भारी संख्या में पुलिस बल जमा था लेकिन किसान शांतिपूर्वक अपना आंदोलन करते रहे।रुद्रपुर में सोमवार को बाजार पूरी तरीके से बंद रहेगा। व्यापरियों ने भी पूरा समर्थन दिया है। वहीं गल्ला मंडी में आयोजित किसानों की बैठक में पूर्ण बाजार बंद का निर्णय लिया है। किसान नेताओं ने कहा कि अगर कल कोई दुकान खुली होगी तो किसान उस दुकानदार से कभी सामान आदि नहीं खरीदेंगे। हालांकि देहरादून एवं नैनीताल जिले में भारत बंद का आंशिक असर रहा। देहरादून में सभी बाजार खुले नजर आए। भारतीय किसान यूनियन द्वारा भारत बंद के लिए किसी से कोई जबर्दस्ती नहीं की गई। सभी से आवाहन किया गया था कि वह भारतीय किसान यूनियन का भारत बंद में समर्थन करें, तो हल्द्वानी में किसानों ने संयुक्त मोर्चे के आह्वान पर रैली निकालकर जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों ने हथ में रोटी लेकर लोगों से बंद को सफल बनाने की अपील की। सभा में केन्द्र सरकार से कृषि कानून को वापस नहीं लेने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। कांग्रेस ने जिले के सभी आठ ब्लाकों में किसानों के समर्थन में प्रदर्शन किया। हल्द्वानी बंद के सुबह के वक्त कई क्षेत्रों में दुकानें बंद रही, लेकिन किसानों की रैली जाने के बाद दुकान नें खुल गई। नैनीताल में बंद का कोई असर नहीं देखा गया। रामनगर शहर की अधिकांश दुकानें खुली रही। जबकि गांव में भारत बंद का असर दिखा।
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