खबर सच है संवाददाता
उत्तर प्रदेश। बिजली की बढ़ती मांग को लेकर अब उत्तरप्रदेश सरकार सौर ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके तहत कई शहरों में सोलर पार्क का निर्माण किया जा रहा है। इससे बिजली खपत को कम किया जा सकेगा।
प्रदेश में ऊर्जा की बढ़ती मांग को अब सौर ऊर्जा से पूरा किया जाएगा। थर्मल और हाइड्रो पावर के जरिए उत्पादित बिजली में आने वाले भारी भरकम खर्च से बचने और प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करने के दोहरे उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने यह निर्णय लिया है। नई सौर ऊर्जा नीति-2022 भी इन्हीं उद्देश्यों को साधने के लिए लाई गई है, जिसमें निवेशकों को तमाम रियायतें दी गईं हैं। बता दें कि अगले पांच वर्षों में बिजली की खपत 53 हजार मेगावाट हो जाएगी, जो हर साल 16 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश को वन ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था बनाने में सबसे अहम भूमिका बिजली की होगी। अधिकारी बिजली उत्पादन के लिए सोलर एनर्जी पर फोकस करें। दरअसल, योगी सरकार की नीतियों को देखते हुए विदेश के साथ देश के विभिन्न राज्यों के निवेशक यहां पर बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए आ रहे हैं। ऐसे में औद्योगिक गतिविधियों को चलाने के लिए बिजली की डिमांड काफी बढ़ जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस खपत को पूरा करने के लिए सोलर एनर्जी पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। 10 प्रतिशत उत्पादन सौर ऊर्जा से किया जाएगा। योगी सरकार सोलर एनर्जी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रदेश में 18 सोलर सिटी का निर्माण करेगी, जिसमें पहले चरण में नाेएडा और अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। जबकि अगले चरण में प्रदेश के 16 नगर निगम को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। सोलर सिटी में कुल बिजली उत्पादन का 10 प्रतिशत उत्पादन सौर ऊर्जा से किया जाएगा। इसे साल दर साल बढ़ाया जाएगा ताकि निवेशकों के साथ प्रदेशवासियों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा सके।
बुंदेलखंड रीजन में सोलर पार्क का किया जा रहा निर्माण
सोलर एनर्जी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बुंदेलखंड रीजन में सोलर पार्क का निर्माण किया जा रहा है। यहां चार हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का सोलर पार्क बनाया जा रहा है। वहीं प्रदेश के विभिन्न जिलों में सोलर एनर्जी की सप्लाई के लिए ग्रीन कारीडोर बनाए जाएंगे। सोलर पार्क से पहले चरण में गांव में बिजली सप्लाई के लिए बनाए गए बिजली फीडर से सोलर एनर्जी को सप्लाई किया जाएगा। इसके साथ ही खेतों की सिंचाई के लिए लगने वाले पंपों को पूरी तरह से सोलर एनर्जी से संचालित किया जाएगा।