खबर सच है संवाददाता
नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में शासन के मामलों की पैरवी के लिये शासन की ओर से नियुक्त दो उप महाधिवक्ता अमित भट्ट, शेर सिंह अधिकारी व ब्रीफ होल्डर सिद्धार्थ बिष्ट की सेवा समाप्त कर दी गयी है। सचिव न्याय व विधि परामर्शी धनंजय चतुर्वेदी की ओर से इस आशय के आदेश जारी किए गए हैं। इधर गुरुवार को सचिव न्याय व विधि धनन्जय चतुर्वेदी की ओर से शासकीय अधिवक्ता को भेजे पत्र में उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल द्वारा कई फौजदारी मामलों संबंधित रिट याचिकाएं / जमानत प्रार्थना पत्रों इत्यादि में राज्य की तरफ से प्रभावी पैरवी नहीं किए जाने के संबंध में घोर अप्रसन्नता व्यक्त की गई है।
फौजदारी मामलों से संबंधित रिट याचिकाएं/जमानत प्रार्थना पत्रों आदि में जिस भी विधि अधिकारी को शासकीय अधिवक्ता द्वारा वाद में राज्य का पक्ष रखने हेतु प्रथम बार नामित किया गया हो, उसे अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर किसी भी स्थिति में परिवर्तित नहीं किया जाएगा, जिससे उक्त वाद में पैरवी करने वाले संबंधित विभाग के समक्ष भ्रम की स्थिति उत्पन्न न हो तथा जो भी विधि अधिकारी याद की स्थिति से भिज्ञ हो वे ही अग्रिम नियत तिथियों में राज्य का पक्ष रखे। विधि अधिकारी द्वारा अपने कर्तव्यों के निर्वहन में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होगी। संबंधित विधि अधिकारी का यह दायित्व होगा कि जिन मामलों में उन्हें राज्य की ओर से नामित किया गया है, उनमें उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल के समक्ष नियत तिथि से पूर्व राज्य के संबंधित विभाग जैसे- पुलिस, राजस्व पुलिस इत्यादि से प्रतिशपथपत्र/पूरक शपथपत्र इत्यादि की सूचना प्रेषित कर प्रतिशपत्र इत्यादि मा० उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल के समक्ष दायर, करवाना सुनिश्चित करेंगें। यदिवाद में प्रतिशपथपत्र इत्यादि दाखिल करने में राज्य के किसी विभाग जैसे पुलिस विभाग इत्यादि द्वारा कोई लापरवाही की जाती है तो उक्त विधि अधिकारी संबंधित जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पुलिस अधीक्षक एवं गृह सचिव को सूचित करेंगें।