सभा में बोलते हुए भाकपा माले केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के चेयरमैन राजा बहुगुणा ने कहा कि बागजाला बसासत आजादी के पूर्व से है जिसमें खेती किसानी पशुपालन और छोटे मोटे काम करने वाली ग्रामीण तब बागजाला के निवासियों को उजाड़ने की कोशिशसरकार को बंद करनी चाहिए। अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी ने कहा कि पहले तो बागजाला के लोगों का ग्राम पंचायत में वोट डालने का अधिकार छीना गया, उसके बाद वन विभाग द्वारा नए निर्माण पर रोक लगा दी गयी, यहां तक कि निर्माणाधीन सरकारी सीसी मार्ग वन विभाग द्वारा तोड़ डाला गया और हर घर जल योजना का काम भी ठप्प करा दिया गया। राज्य सरकार की सहमति के बिना संभव नहीं है। राज्य सरकार को बागजाला पर अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए। किसान महासभा कमेटी संयोजकों उर्मिला रैस्वाल, पुष्पा भट्ट, पंकज चौहान, सोनू देवी ने कहा लगता है कि बागजाला के नजदीक स्टेडियम, चिड़ियाघर बनने और बस अड्डा, हाईकोर्ट आने की चर्चा के बाद इन बड़े प्रोजेक्ट के पास स्थित बागजाला की बेशकीमती जमीन को सरकार गरीबों, किसानों से छीनकर पूंजीपति बिल्डरों को देने का इरादा रखती है। शायद इसी कारण स्थानीय सांसद, विधायक व पदाधिकारी इस मामले पर खामोशी ओढ़े हुए हैं। प्रदर्शन के अंत में बुध पार्क से सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय तक नारेबाजी करते हुए विशाल जुलूस निकाला गया और राज्य के मुख्यमंत्री को 6सूत्रीय मांग पत्र सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी के माध्यम से भेजा गया। जिसमें मांग की गई कि वन विभाग द्वारा बागजाला में किसी भी परिवार को नोटिस देने की कार्यवाही पर रोक लगाई जाए। बागजाला वासियों को स्थाई रूप से निवास की अनुमति देते हुए भूमि का मालिकाना उनके नाम पर करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। इसके लिए राज्य सरकार विधानसभा में बागजाला की भूमि को डिस्फोरेस्ट करने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार के वन मंत्रालय को भेज अनापत्ति प्राप्त कर बागजाला को राजस्व गांव बनाने की प्रक्रिया शुरू करे। बागजाला को पूर्व की भांति पंचायत चुनाव में देवला – पजाया ग्राम सभा में शामिल किया जाए। बागजाला में निर्माण कार्य पर लगी रोक को खत्म किया जाए और निर्माण कार्य की अनुमति दी जाए। रोकी गई हर घर नल योजना का कार्य तत्काल शुरू किया जाए। वन विभाग द्वारा तोड़ी गई सीसी रोड का काम पुनः शुरू किया जाए। नए विद्युत कनेक्शन पर लगी रोक हटाई जाए।
प्रदर्शन और जुलूस में राजा बहुगुणा, आनंद सिंह नेगी, भुवन जोशी, वेद प्रकाश, उर्मिला रैस्वाल, नसीम बानो, विमला रौथाण, डा कैलाश पाण्डेय, जीआर टम्टा, मुकेश बौद्ध, पुष्पा भट्ट, बहादुर सिंह जंगी, सोनू देवी, मो हनीफ, गणेश राम, जी एस बगडवाल, रानी, धीरज कुमार, ललित मटियाली, जोगेंद्र लाल, मनोज आर्य, नैन सिंहकोरंगा, गंगा प्रसाद, ललित जोशी, एन डी जोशी, ज्ञानेश्वरी देवी, हरीश थापा, मोहन लाल, खीम राम, नसीम, विनोद चंद्र, डूंगर सिंह, सिराज,महेश राम, खीम राम, सूरज, सादिक, गोपाल, कृष्ण, राहुल, चन्दन सिंह, सोनू, मोती लाल, सुधा, कमल, रफी, संजय, मनोज, हरीश,यशपाल, ललित जनौटी, प्रमोद, नौशाद, समेत सैकड़ों ग्रामीण शामिल रहे। सभा का संचालन डॉ कैलाश पाण्डेय ने किया।