खबर सच है संवाददाता
फिरोजाबाद। यहां पत्नी द्वारा पति की हत्या करने का सनसनीखेज मामले का चौंकाने वाला खुलासा करते हुए पुलिस ने आरोपी पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मूल रूप से मैनपुरी के मुहल्ला भरतवाल निवासी 48 वर्षीय विजय गोस्वामी उर्फ सनोज अपनी पत्नी मंजू व बेटी रिंकी (16) व ऋतु (14) के साथ इंद्रपुरी में पार्षद सुबोध कुमार के मकान में तीन साल से किराए पर रह रहे थे। वे साइकिल पर फेरी लगा कर शाल बेचता था। मंजू ने शुक्रवार रात दो बजे सूचना दी कि उसके पति की हत्या हो गई है। शव नाली में पड़ा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। पुलिस ने मृतक की पत्नी मंजू की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। शक के घेरे में मंजू भी थी। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की। पहले तो मंजू गुमराह करती रही। वहीं जब मंजू से पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो सारा सच उगल दिया। मंजू ने पति की हत्या स्वीकार ली। पुलिस ने घर से हत्या में प्रयुक्त बट्टा व खून से सनी मैक्सी बरामद की है। मंजू ने बताया कि उसका पति शराब पीकर उसके और पुत्रियों से गाली गलौज व मारपीट करता था। अपनी कमाई की वह शराब और जुए में उड़ा देता था। इससे परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी। तीन माह से मकान का किराया भी नहीं दिया गया था। 30 दिसंबर की रात विजय शराब पीकर सो गया था। रात में सोते समय उनके सिर पर सिल वाले बट्टा से प्रहार कर हत्या कर दी और शव को घसीट कर नाले में फेंक दिया। इसके बाद शोर मचाया, जिससे हत्याकांड में दोस्तों का नाम आ सके। इस मामले हैरत की बात ये है कि सोते समय पति के सिर में बट्टा मारकर हत्या और लाश नाले में फेंकने के बाद मंजू ने उसी बट्टा से खून साफ करने के बाद चटनी बनाई। सुबह बच्चों को वही चटनी खिलाई। इसके बाद बच्चों को हत्या की बात भी बता दी। बताया जा रहा है कि मंजू की पहली शादी मैनपुरी निवासी युवक अशोक कुमार से हुई थी। अशोक से दो बच्चे हुए। 2004 में अशोक और मंजू के बीच अलगाव हो गया। इसके बाद मंजू ने विजय गोस्वामी से शादी कर ली। विजय से दो बेटियां हुईं। मंजू का कहना है कि विजय गोस्वामी नशेबाजी करता था। विजय ने उसे बहला-फुसलाकर मंजू का मकान बिकवा दिया और उसके पैसे उड़ा दिए। इसको लेकर परिवार में तनाव बढ़ता गया।
इंस्पेक्टर उत्तर ने बताया कि पति की हरकतों से परेशान होकर मंजू ने 2010 में मैनपुरी निवासी अरुण को विजय की हत्या की सुपारी दी थी। अरुण ने विजय को गोली मारी थी, लेकिन वह बच गया। मामला खुलने के बाद अरुण और मंजू को पुलिस ने जेल भेजा था। वह 11 महीने जेल में रही थी। छोटी पुत्री ऋतु जेल में ही पैदा हुई थी।