गंगा, गाय, गीता, गायत्री व गोविंद ये पाँचो भारतीय संस्कृति की महान धरोहर है – हरि चैतन्य महाप्रभु 

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रामनगर।  प्रेमावतार युगद्रष्टा श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर एवं भारत के महान सुप्रसिद्ध युवा संत श्री श्री 1008 स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने बुधवार को श्री हरिकृपा आश्रम में उपस्थित विशाल भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि गंगा, गाय, गीता, गायत्री, गोविंद ये पांचों भारतीय संस्कृति की महान धरोहर है। अन्य देशों के विचारकों ने भी इसको स्वीकार किया है और वह उसे अपनाने का प्रयास कर रहे हैं, परंतु हम भारतवासी सहज में प्राप्त इन सभी का महत्व ना समझकर इनके लाभ से वंचित रह रहे हैं। यदि हम पाँच में से किसी एक की भी शरण ले लें तो मानव का कल्याण सुनिश्चित है।

उन्होंने कहा कि भगवान शिव का परिवार प्रेम, एकता व सद्भाव का प्रतीक है, जो विभिन्न विषमताओं के बावजूद भी आपस में मिल जुलकर रहने की प्रेरणा देता है। भगवान शंकर गले में  सर्प को धारण करते हैं तथा गणेश जी का वाहन चूहा है जो स्वाभाविक शत्रु होते हुए भी एक दूसरे को नुक़सान नहीं पहुँचाते। माता पार्वती का वाहन शेर तथा भगवान शिव का वाहन बैल है ये भी एक दूसरे के स्वाभाविक शत्रु होते हुए भी आपस में मिलजुल कर रहते हैं। भगवान कार्तिकेय का वाहन मोर जिसका आहार सर्प है फिर भी एक साथ रहते हैं एक दूसरे को हानि पहुँचाने की भावना नहीं रखते। खानपान में विषमता होने के बावजूद भी सभी आपस में प्रेम एकता व सद्भाव से रहते हैं। 

महाराज श्री ने कहा कि दूसरों को नुक़सान पहुँचाने वालों का अपना ही नुक़सान होता है यदि दूसरा हमें नुक़सान पहुँचाए तो हम बचाव की स्थिति अपनाएं। आक्रमक दृष्टि न होने दें, क्षमाशील बने। क्षमा कायरों का नहीं अपितु वीरों का आभूषण है। मानव पर जगत व जगपति दोनों का अधिकार है लेकिन मानव का इन पर अधिकार मानना अज्ञानता है। “जगत की चिंता करें जगत्पति” जगत को सुधारने की चिंता यदि हम करें तो जगत सुधरेगा या नहीं पर हम ज़रूर बिगड़ जाएंगे। समाज सुधारक नहीं समाज सेवक बनने का प्रयास करें।

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इस दौरान श्री हरि कृपा आश्रम में आयोजित कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि कल 7 अक्तूबर से श्री हरि कृपा आश्रम चित्रकूट में विराट धर्म सम्मेलन प्रारंभ होगा। गुरुवार 6 अक्टूबर को प्रात 7 बजे कलश पूजन, यज्ञ, हवन व आरती होगी। 7 अक्तूबर से 14 अक्तूबर तक नित्य प्रात 7 बजे पूजन व आरती होगी, सांय 4 बजे से 5:30 बजे तक श्री महाराज जी के दिव्य प्रवचन होंगे उसके बाद माँ जगदम्बा का पूजन व आरती होगी। जिसमें सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अंतर्गत ही हरि भक्तों उपस्थिति हो सकेगी।

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TAGS: Cow Ganga Gayatri and Govind are the great heritage of Indian culture - Hari Chaitanya Mahaprabhu Gita ramnagar news Uttrakhand news

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