खबर सच है संवाददाता
गढीनेगी। श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर, युगदृष्टा, प्रेमावतार श्री श्री 1008 स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने जन्माष्टमी पर्व पर श्री हरि कृपा धाम आश्रम में आयोजित समारोह में भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि महापुरुषों, संतों, गुरुओं व अवतारों की जयंती मनाना तभी पूर्णरूपेण सार्थक है जब उनसे प्राप्त शिक्षाओं, प्रेरणाओं व उपदेशों को अपने जीवन में उतारकर कल्याण पथ पर अग्रसर हो सके। मात्र अपनी कमियाँ छुपाने की ढाल ही ना बनाएँ। महापुरुषों, शास्त्रों व अवतारों को परमात्मा श्रीकृष्ण मात्र मक्खन या चित चोर ही नहीं ‘अनेक जन्मार्जित पाप चोरम’ अनेक जन्मों के अर्जित पापों को चुरा लेते हैं जैसे ही जीव शरणागत होता है।
अपने दिव्य व ओजस्वी प्रवचनों में उन्होंने कहा कि जैसे श्रीराम कहते हैं ‘सन्मुख होइ जीव मोहे जबहि, जन्म कोटि अघ नासहीं तबही” उन्होंने माखन चोरी, चीर हरण, अनेक रानी-पटरानी होते हुए भी योगीराज होने इत्यादि के सूक्ष्म रहस्य समझाकर लोगों द्वारा की जाने वाली शंका का पूर्ण विज्ञान सम्मत समाधान किया। श्रीमद्भागवत गर्ग संहिता व महाभारत में से अनेक प्रसंग श्रीकृष्ण लीला के सुनाकर भक्तों को भाव विभोर व मंत्रमुग्ध करा दिया। अन्य भक्ति गीत नित्य महाराज जी ने प्रेम से गाकर सभी को भाव विभोर कर दिया। भाव विभोर होकर लोग नृत्य करने लगे।
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पर्यावरण के प्रति जागरूकता स्थान स्थान पर सदैव से महाराज जी पैदा करते रहे हैं। इस बार भी कामवन आश्रम में महाराज जी ने हज़ारों वृक्ष लगवाए। स्वयं भी अपने कर कमलों से बड़ी संख्या में वृक्ष लगाए और आश्रम की भाँति कामवन का श्री हरि कृपा आश्रम भी पैसों के बल पर नहीं, कारसेवा जो कि देश भर से महाराज जी के भक्त व शिष्य बड़े उत्साह और लगन के साथ दूर दूर से यहाँ पहुँचकर करते हैं, उसी से बन रहा है। इस बार के प्रवास के दौरान भी आश्रम पर सदैव की भाँति निरंतर कार सेवा चलती रही। निरंतर भक्तों का सैलाब महाराज श्री के दर्शनार्थ व दिव्य प्रवचनों को सुनने के लिए उमड़ता रहा है।
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प्रवचन के बाद भजन बोलने के साथ ही “गोविंद जय-जय गोपाल जय जय” की पावन धुन “जय जय राधा रमण हरि बोल” की धुन के साथ ही लोग झूम झूम के नाचने लगे। रात्रि ठीक 12:00 बजे महाराज जी ने शंख ध्वनि के साथ ही प्राकट्योत्सव की शुरुआत की। भगवान श्री कृष्ण की झूले पर बहुत ही आकर्षक झांकी सजाई गई। गदगद होकर भक्तों ने जय-जयकार प्रारंभ की, “वृंदावन बिहारी लाल की जय”, “कामां के कन्हैया की जय”, “श्री गुरु महाराज की जय”-जयकार से वातावरण गुंजायमान हो गया। महाराज जी ने स्वयं आरती उतारी। भंडारे के साथ-साथ प्रसाद का वितरण हुआ। मिठाइयां बांटी गई व फिर महाराज जी ने गाया “नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की” व फिर सभी नाचने लगे।
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इस प्रकार विश्व नायक जन-जन के आराध्य देव भगवान श्री कृष्ण का पावन प्राकट्योत्सव श्री महाराज जी के संरक्षण, सानिध्य व अध्यक्षता में बहुत ही श्रद्धा पूर्वक उत्साह और प्रेम के साथ मनाया गया। श्री हरेश्वर महादेव का इस अवसर पर महाअभिषेक भी किया गया। कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करते हुए बड़ी संख्या में भक्तों के साथ साथ उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति शाह मिश्रा, एसडीएम अंकाक्षा वर्मा, पूर्व मंत्री पुष्कर दुर्गापाल, पूर्व विधायक शैलेंद्र मोहन सिंघल सहित राजनेता व अधिकारी श्री महाराज जी से आशीर्वाद लेने पहुँचे।
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