अपनी आंतरिक दुर्बलताएँ ही विनाश का कारण बनती है- श्री हरि चैतन्य महाप्रभु 

ख़बर शेयर करें -

 

खबर सच है संवाददाता

गढीनेगी/काशीपुर। प्रेमावतार, युगदृष्टा, श्री हरिकृपा पीठाधीश्वर एवं भारत के महान सुप्रसिद्ध युवा संत श्री श्री 1008 श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने शुक्रवार (आज) यहाँ श्री हरिकृपा धाम आश्रम में विशाल समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि आपकी कोई भी क्रिया, चेष्टा, व्यवहार या कर्म ऐसा न हो जाए जिसे देखकर कोई उंगली उठाये। आपके जीवन में वांछित परिवर्तन भी आना चाहिए। अपनी गलतियों और बुराइयों को समझें व दूर करें। दूसरों पर मिथ्या दोषारोपण से कहीं बेहतर है कि स्वयं आत्म अन्वेषण करें। कई बार हम स्वयं गलतियां करते हैं, स्वयं अपने हाथो अपने लिए पतन का गड्ढा खोदते हैं व दोष दूसरों को देते हैं। दूसरों में दोष ढूंढने के कारण हमें अपने अंदर दोष होते हुए भी दिखाई नहीं देते। आंखें सबको देखती है पर अपने को नहीं देख पाती। निष्पक्ष, शांत, एकाग्रचित्त होकर अपनी आत्मा की आवाज़ सुनें तो पता चल जाएगा कि लोग हमें क्या समझते हैं, हमारा मन क्या समझता है, परन्तु वास्तव में हम हैं क्या ?  किसी को दोष क्यों देते हो अपनी अनेक आंतरिक दुर्बलताएँ ही विनाश का कारण बनती है।

यह भी पढ़ें 👉  नमामि गंगे के तहत महिला महाविद्यालय में परंपरागत खेलो के साथ छात्राओं ने चलाया स्वच्छता अभियान

उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपने जीवन को श्रेष्ठ व मर्यादित बनाने के लिए जहाँ से अच्छाई मिले वहाँ से ग्रहण करके अपने जीवन को समाज के लिए कल्याणकारी श्रेष्ठ व मर्यादित बनाए। संसार में किसी को भी, कभी भी, किसी प्रकार से भी दुख, भय या कलेश नहीं पहुँचना चाहिए। तथा न ही पहुँचाने की प्रेरणा या इच्छा करनी चाहिए। सदैव सत्य स्वरूप परमात्मा की ही शरण लेनी चाहिए। हमें प्रभु का कृपा पात्र बनने की कोशिश करनी चाहिए दया पात्र नहीं। प्रेम पूर्वक की गई भक्ति से परमात्मा प्रसन्न होते हैं। और अपने भक्तों पर कृपा करते हैं। सत्संग पाकर अपने जीवन में वांछित सुधार भी अवश्य करें। अन्यथा विशेष लाभ से वंचित रह जाएंगे,संत,गुरु व परमात्मा का कृपापात्र वही बन सकता है जो चरित्रवान, मर्यादित, कर्तव्यपरायण, सेवा, व परोपकार परिपूर्ण जीवन व्यतीत करता है। पांडव परमात्मा के करीब व प्रेमी होते हुए भी जीवन भर संघर्ष, कष्टों से ही घिरे रहे प्रभु की कृपा से या अपने किन्हीं सतकर्मों के परिणाम स्वरूप परमात्मा का साथ तो अवश्य मिला लेकिन जुआ खेलना, स्त्री तक को दाँव पर लगाना, किसी गिरते को देखकर मज़ाक उड़ाना, तीखे व्यंग्य बाण सुनाना, परमात्मा ने तो नहीं सिखाया, द्रोपदी ने दुर्योधन को धोखा खाकर ठोकर लगने पर जैसे हँसी उड़ाते हुए कहा कि अंधे की अंधी औलाद रही। उन्होंने कहा कि अपने विवेक को सदैव जागृत रखें। माता-पिता, गुरुजनों, शास्त्र, संस्कृति के प्रति श्रद्धा आदर का भाव रखने को भी कहा। संसार की हर वस्तु, पदार्थ, प्राणी नाशवान है। इनका सदैव साथ नहीं रहता तथा परमात्मा का साथ कभी नहीं छूटता है। अतः हमें जगत की यथासामरथय सेवा करनी चाहिए। तथा सेवा का अवसर मिलने पर स्वयं को सौभाग्यशाली समझना चाहिए व सेवा के आये इस अवसर को हाथ से न जाने देने पर स्वयं को परम सौभाग्यशाली समझना चाहिए। हमें जगत में जब भी संत, गुरू, परमात्मा, बुजुर्ग, माता-पिता व धर्म एवं संस्कृति की सेवा का अवसर मिले तो सेवा अवश्य करनी चाहिए। सेवा धर्म इतना सरल नहीं है जितना हमने इसे समझा है यह सबसे कठिन है। परंतु असंभव नहीं है। यदि हम प्रभु स्मरण करते हुए प्रयास करें तो इस असंभव को भी संभव किया जा सकता है। मनुष्य महान है शक्ति का पुंज है सब कुछ कर सकता है, लेकिन सोया है, भूला है, परेशान है उसके जागते ही सब कुछ जग जाएगा।

यह भी पढ़ें 👉  रामनगर में आज शाम चार बजे से पहुचंगे 36 विदेशी मेहमान, सुरक्षा समेत सभी तैयारियां पूर्ण

महाराज श्री के दिव्य प्रवचनों को सुनकर सभी मन्त्र मुग्ध व भावविभोर हो गये।स्थानीय, क्षेत्रीय व दूरदराज़ से काफ़ी संख्या में भक्तजन पहुँचे। आज प्रात 9 बजे श्री राम चरित मानस पाठ प्रारंभ किया गया जिसका समापन कल 18 फ़रवरी को प्रात 8:30 बजे होगा। कल प्रात 8 बजे श्री हरेश्वर महादेव का महाभिषेक किया जाएगा। प्रात 10 बजे से 1 बजे तक भजन, कीर्तन व श्री महाराज जी के दिव्य प्रवचन होंगे। दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक विशाल भण्डारे की व्यवस्था की गई है। ज्ञात रहें कि रात्रि 12 बजे से ही श्री हरेश्वर महादेव पर जल चढ़ाने के लिए लंबी क़तारें लगनी शुरू हो जाती है। कांवड़िये भी हरिद्वार से गंगा जल लाकर श्री हरेश्वर महादेव पर चढ़ाते हैं। श्री हरेश्वर महादेव का सुन्दर श्रंगार किया जाता है। श्री हरि कृपा धाम आश्रम की भी सुन्दर सजावट की गई है।

Ad

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 हमारे समाचार ग्रुप (WhatsApp) से जुड़ें

👉 हमसे फेसबुक पर जुड़ने के लिए पेज़ को लाइक करें

👉 ख़बर सच है से टेलीग्राम (Telegram) पर जुड़ें

👉 हमारे पोर्टल में विज्ञापन एवं समाचार के लिए कृपया हमें [email protected] पर ईमेल करें या +91 97195 66787 पर संपर्क करें।

TAGS: Hareshwar mahadew gadinegi Our own internal weaknesses lead to destruction - Sri Hari Chaitanya Mahaprabhu Swami Shri Hari Chaitanya Mahaprabhu US nagar news Uttrakhand news
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

More Stories

शिक्षा-आध्यात्म

बाबा महाकाल का दरबार, जहां वेद मंत्रों के साथ 5000 कंडों का निर्माण कर जलाई जाती है होलिका 

ख़बर शेयर करें -

ख़बर शेयर करें -खबर सच है संवाददाता उज्जैन।  देश के हर क्षेत्र में होली पर्व को लेकर उत्साह है। वहीं रंगों के उत्सव होली से पहले होलिका दहन करने और पूजन पाठ करने की प्राचीन परम्परा उज्जैन में बाबा महाकाल के आंगन में रंग गुलाल के साथ उड़ाने की तैयारी शुरू हो गई। बताते चलें कि होली का […]

Read More
राजस्थान शिक्षा-आध्यात्म

संसार रूपी रात्रि में मात्र परमार्थी व प्रपंच से वियोगी लोग ही जागते हैं – स्वामी हरि चैतन्य महाप्रभु

ख़बर शेयर करें -

ख़बर शेयर करें –   खबर सच है संवाददाता भरतपुर। संसार के सभी जीव मोहरूपी रात्रि में सोए हुए हैं। मोह नींद में सोए उन जीवों को जगाने ही आते हैं सभी संत, महापुरुष यहाँ तक कि परमात्मा भी, यह उदगार मंगलवार (आज) श्री हरिकृपा पीठाधीश्वर एवं भारत के महान सुप्रसिद्ध युवा संत श्री श्री 1008 […]

Read More
शिक्षा-आध्यात्म

त्याग, परोपकार, संयम, दृढ़ता एवं निरभिमानता के प्रतीक हैं भगवान शंकर – श्री हरि चैतन्य महाप्रभु   

ख़बर शेयर करें -

ख़बर शेयर करें -खबर सच है संवाददाता गढीनेगी/काशीपुर।  प्रेमावतार, युगदृष्टा, श्री हरिकृपा पीठाधीश्वर एवं भारत के महान सुप्रसिद्ध युवा संत श्री श्री 1008 स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने शिवरात्रि पर्व में आयोजित कार्यक्रम के दौरान हरेश्वर महादेव मंदिर गढ़ीनेगी में भक्तो को संबोधित करते हुए कहा कि थोड़ी सी विषमता होने पर […]

Read More