खबर सच है संवाददाता
कामां। तीर्थराज विमलकुण्ड स्थित श्री हरि कृपा आश्रम में श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने उपस्थित विशाल भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि मातृ प्रधान संस्कृति वाले पावन राष्ट्र भारत में तुलसी माता के महत्व को हमारे वेदों, पुराणों व ऋषियों ने बहुत ही प्रमुखता से स्वीकारा है । विभिन्न रोगों, विकारों व विषाणुओं को समाप्त करने में इसकी भूमिका को प्रमुखता से स्वीकार किया है ।
महाराज श्री ने कहा कि प्रकृति हमारी जन्मदात्री माँ से भी अधिक हमारी रक्षा करती है परंतु प्रकृति के नियमानुसार यदि नहीं रह कर अपितु उससे खिलवाड़ करें तो यह रक्षक होने के बजाय हमारी भक्षक भी बन सकती है। आए दिन जहाँ तहाँ बाढ़, भूकंप, सूखा, प्राकृतिक अन्यान्य विपदाएँ हमारी प्रकृति के साथ खिलवाड़ का ही परिणाम रहा है।प्राकृतिक सौंदर्य ,वनसंपदा आदि हमारी प्रकृति माँ के श्रृंगार है पृथ्वी माँ को शृंगार विहीन होने से बचाने के लिए स्वयं को प्राकृतिक आपदाओं से बचाकर सुखी भविष्य बनाने के लिए अपने क्षेत्र के सौंदर्य आकर्षण पहचान को बनाए रखने के लिए प्रकृति व यहाँ की अमूल्य ऐतिहासिक धरोहरों के साथ खिलवाड़ बंद करके उनके संरक्षण पर ध्यान देना बहुत ही आवश्यक है समय रहते यदि हमने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो बाद में पश्चाताप के अलावा हमारे हाथ कुछ भी शेष नहीं रहेगा।
महाराज श्री के दिव्य प्रवचनों से सभी मंत्रमुग्ध व भावविभोर हो गए। सभी ने वृक्षारोपण का व वृक्षों के संरक्षण का संकल्प लिया। 13-14 नवंबर को श्री हरि कृपा आश्रम कामां भरतपुर राजस्थान में मानस यज्ञ व 14 को विशाल दीपोत्सव जो शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजली अर्पित करते हुए समर्पित होगा कार्यक्रम है। आने वाले सभी हरि भक्तों से अनुरोध है कि सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करते हुए ही सम्मिलित हों । 13 नवंबर प्रातः आठ बजे श्री राम चरित मानस पाठ प्रारंभ होगा, सांय पाँच बजे प्रवचन व आरती । 14 नवंबर प्रातः राम चरित मानस पाठ सम्पूर्ण व यज्ञ , सांय चार बजे तीर्थराज विमलकुण्ड का दुग्धाभिषेक व भजन कीर्तन व छह बजे से दीपोत्सव । इस पावन अवसर पर तीर्थराज की व श्री हरि कृपा आश्रम की दिव्य छटा देखने योग्य होती है ।