सम्पादकीय
स्वार्थ और बाहरी फिसलन पर नहीं जन भावनाओं के अनुरूप प्राप्त होती है विजयश्री
विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस -भाजपा सहित अब यूकेडी में भी प्रत्याशियों की लिस्ट में सम्मिलित नहीं होने के चलते बगावत शुरू हो गई है। 11 प्रत्याशियों की लिस्ट में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत का नाम नहीं होने से नाराज रणजीत ने पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है तो लालकुआं से पूर्व कैबिनेट […]
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कहीं ऐसा तो नहीं कि 11 नए नामकरण के साथ ही कांग्रेस ने बीजेपी को फिर से दे दी क्लीन स्वीप
माहौल भी था और मौका भी, लेकिन भितरघात का अवसर देकर शायद कांग्रेस ने पुनः एक बार फिर से बहुमत से पिछड़ते हुए बीजेपी को अवसर दे दिया सरकार बनाने का। लालकुआं, कालाढूंगी सहित रामनगर सीट से बगावती सुरो को तूल देने के साथ पिछले चुनाव में दो सीटों से चुनाव की हार का ग्रहण हटाने कांग्रेस […]
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चुनाव से पूर्व डेमेज कंट्रोल के कुशल प्रबंधन पर निर्धारित होगा जीत-हार का परिणाम
जनता के लिये बेशक उचित प्रतिनिधी साबित हो या न लेकिन राजनीती की पाठशाला में जन प्रतिनिधी कहलाने के लिए बड़े से लेकर छुटभैय्ये भी बेताब रहते है। लिहाजा लम्बे समय से आकाओं की चरण पादुकाएं उठाए घूमते अथवा हां में हां मिलाते इन तथाकथितो को पार्टी द्वारा स्थान न मिल पाने पर इनका मुह […]
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बाहुबली नहीं योग्य प्रत्याशी का चयन ही समाज हित के अनुकूल
किसी शायर ने क्या खूब कहा है… “झूठ बोलते थे कितना, फिर भी सच्चे थे हम..ये उन दिनों की बात है,, जब बच्चे थे हम..” जिसे आज राजनीती की पृष्ठभूमि में बखूबी से देखने को मिल रहा है। मै शपथ लेता हूँ कि जनता की सेवा-सहायता के लिए स्वयं को समर्पित करते हुए अपना सम्पूर्ण […]
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अपनी बात पर रहोगे तभी तो मिशन 2024 फतह करोगे
मनोज कुमार पाण्डे (संपादक) खबर सच है प्रधानमंत्री के कटु आलोचक और भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद जैसा नाम वैसा गुण “स्वामी” चाहे जो भी बोले, पर यह तो अहसास करा ही देते है कि भाजपा ने यदि हिंदुत्व के नाम पर सत्ता हासिल की तो उसे हिन्दुतत्व की संरक्षा भी करनी ही होगी। अब जब अन्य […]
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विकास के मद्देनजर मानवीय मूल्यों की उपेक्षा अनुचित।
मनोज कुमार पाण्डे (सम्पादक) “खबर सच है” मानवीय साहसिकता और सामाजिकता का तकाजा है कि जहां भी विभाजन की नीति दिखे, वहां उसके निराकरण का प्रयत्न किया जाए। सोचें कि आखिर ये स्थिति आई क्यों? यदि सीधे-टकराने की सामर्थ्य अथवा स्थिति न हो तो कम से कम असहयोग एवं विरोध की दृष्टि से जितना […]
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सकारात्मक सोच के साथ जनहित में हो पत्रकारिता का उद्देश्य
मनोज कुमार पाण्डे (संपादक) “खबर सच है” यह कहने में कतई संकोच नहीं कि वर्तमान में पत्रकारिता आधुनिक सभ्यता का एक प्रमुख ब्यवसाय बन गया है। विधायिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका के क्रियाकलापों पर नजर रखने को बना मीडिया जो चौथे स्तम्भ के रूप में जाना जाता है, आज जहा इसके सकारात्मक प्रभाव में अभिवृद्दि हुई है […]
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भ्रस्टाचार के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता।
मनोज कुमार पाण्डे (संपादक) “खबर सच है” भ्रस्टाचार हमारी प्रमुख और भयंकरतम समस्या हैं। भ्रस्टाचार का विषवृक्ष आम जनता के जीवन की हर सांस में विष घोल रहा हैं और दिन रात चौगुना फैल रहा हैं।क्योंकि इस विषवृक्ष को मिली हैं वह संवैधानिक भूमि जिसमें एक से अधिक सिविल कोर्ट और आरक्षण की ब्यवस्था हैं। […]
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“कितने चेहरों से उतर गए आज मुफ़लिसी के नकाब,कल तक जो कहते रहे देंगे रोटी आज पिला रहे शराब।”
मनोज कुमार पाण्डे यह बिडम्बना ही है कि पृथक राज्य बनने के बाद भी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के नक्शे कदम पर ही अग्रसित रहा है। यूपी बन्द तो उत्तराखंड बन्द और यूपी में ढील तो उत्तराखंड के आलाहुजुर के भी तेवर नरम पड़ गए। ब्यापारियों के थाली बजाने, गिरफ्तारी देने यहां तक की भीख मांगने […]
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शासन तंत्र की निष्क्रियता के चलते राज्य का समुचित विकास बाधक।
मनोज कुमार पाण्डेसंपादक “खबर सच है” विकास की सार्थक पहल का खोखला नारा देने वाली राज्य सरकार आखिर अपनी गिरगिट चाल चलने में कामयाब रही है। राज्य की यह दुर्दशा शायद आज पहली बार देखने को मिल रही। सड़क, यातायात, रोजगार शायद कोई भी ऐसा पहलू नहीं जिसमें सरकार, जनता के समक्ष अपने को सही […]
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